नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए Union Budget 2023 में व्यापार को सरल बनाने के उद्देश्य से देश के कई कानूनी प्रावधानों को हटाने की बात कही गई है. वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट को 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. सीतारमण ने वर्ष 2023-24 के लिए पेश किए बजट में देश में पुराने हो चुके 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को हटाने का ऐलान किया है. इन कानूनी प्रावधानों के हटने के साथ इनके तहत दर्ज 39000 से अधिक अनुपालन (Compliances) भी कम हो जाएगी.
3400 कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर लाने का फैसला देश में व्यापार में सुगमता लाने के लिए सरकार का बड़ा कदम है. सरकार का यह कदम विश्वास पर आधारित शासन को मजबूत करने के लिए 42 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन के लिए जन विश्वास विधेयक के साथ आया है.
सबसे अहम बदलावों में वित्त मंत्री ने आयकर अधिनियम की धारा 276ए को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का भी प्रस्ताव रखा है. जो कि एक महत्वपूर्ण घोषणा है.
धारा 276ए के तहत कोई भी व्यक्ति जो एक परिसमापक (Liquidator) है, और वह धारा 178 की उप-धारा (1) के अनुसार नोटिस देने में विफल रहता है, या धारा 178 की उप-धारा (3) आवश्यक राशि को अलग से करने में विफल रहता है, या धारा के प्रावधानों के उल्लंघन में कंपनी की किसी भी संपत्ति या संपत्ति के किसी हिस्से को बेचता है, तो इस मामले में उस व्यक्ति को दो साल तक के सश्रम कारावास (Rigorous Imprisonment) की सज़ा दिए जाने का प्रावधान है.
यह धारा ऐसे परिसमापकों (Liquidators) पर समान गैर-अनुपालन के लिए व्यक्तिगत देयता (Personal Liability) का भी प्रावधान बनाती है.
देश में व्यवसाय को आसान बनाने की दिशा में सरकार की यह घोषित नीति रही है कि मामूली अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जाए और इन मामलों में केवल जुर्माने की सज़ा ही दी जाए. इस नीति के तहत आयकर अधिनियम के प्रावधानों की भी समीक्षा की गई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है.
बजट में किया गया यह प्रस्तावित संशोधन 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी माना जाएगा. यानी 1 अप्रैल के बाद इस धारा के तहत कोई भी नया मुकदमा शुरू दर्ज़ नहीं किया जाएगा. हालांकि पहले से दायर किए गए सभी मुकदमे जारी रहेंगे.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मतलब है कि किसी भी देश में कारोबार कितनी सरलता से शुरू किया जा सकता है. विश्व बैंक हर साल डूइंग बिजनेस रिपोर्ट जारी करता है जिसमें वह 10 पैमानों पर 190 देशों की रैकिंग करता है जिसे ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग’ कहते हैं.इसका मकसद यह जानना है कि किस देश में कारोबार शुरू करना आसान है और किस देश में कठिन.