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RPA Act 1951: क्या एफिडेविट में गलत जानकारी देने से कैंसिल हो जाएगी दावेदारी? जानें क्या कहता है कानून

जनप्रतिनिधि अधिनियम (RPA, 1951) की 125A के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार एफिडेविट में गलत जानकारी देता है, तो दोषी पाए जाने पर उसे कम-से-कम छह महीने जेल की सजा के साथ जुर्माना लगाया जाता है.

Written by Satyam Kumar Published : November 20, 2024 8:13 PM IST

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क्या होता है हलफनामा?

हलफनामा यानि एफिडेविट एक कानूनी दस्तावेज है, जो व्यक्ति को दावे को कानूनी रूप से मान्य बनाता है,

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नेम करेक्शन से लेकर नॉमिनेशन तक

एफिडेविट देने की जरूरत आपको नेम करेक्शन करवाने में, किसी प्रमाण की पुष्टि करवाने में जरूरत होती है.

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गलत एफिडेविट

एफिडेविट गलत बनवाने पर आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.

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फॉर्म-26

इसलिए चुनाव में प्रत्याशी बनने के आपको नामांकन का सही दावे की पुष्टि के लिए एफिडेविट की जरूरत होती है, इसे फॉर्म-26 भी कहा जाता है.

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जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125A

जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 125A गलत एफिडेविट देने या एफिडेविट में गलत जानकारी देने पर कठोर कार्रवाई की बात कहती है.

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गलत जानकारी

RPA, 1951 के अनुसार, अगर कोई उम्मीदवार एफिडेविट में गलत जानकारी देता है,

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दोष साबित होने पर जेल

तो दोषी पाए जाने पर उसे कम-से-कम छह महीने जेल की सजा के साथ जुर्माना लगाया जाता है.

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एफिडेविट को भरना

आपको बता चुनावी हलफनामे का एक कॉलम नहीं छोड़ना होता है,

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सभी कॉलम भरें

अगर किसी कॉलम में आपसे मांगी गई जानकारी लागू नहीं होती है, आप वहां जीरो लिख सकते हैं.