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वन नेशन-वन इलेक्शन का विधेयक प्रस्ताव पारित होने से कानून बनने तक का प्रोसेस

लोकसभा में One Nation One Election विधेयक का प्रस्ताव लाने के बाद उसे राजनीतिक दलों में आपसी सहमति बनाने के लिए जेपीसी के समक्ष रखा जाएगा. उसके बाद विधेयक को पुन: लोकसभा में लाया जाएगा. और जब राष्ट्रपति इस विधेयक को अपनी मंजूरी देंगे, तब ये कानूनन पूरे देश भर में लागू किया जाएगा.

Written by Satyam Kumar Published : December 17, 2024 6:36 PM IST

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केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल

आज लोकसभा में केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा लाए गए वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक प्रस्ताव को बहुमत से पारित किया गया है.

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विधानसभा और लोकसभा में एक साथ चुनाव

केन्द्रीय मंत्रीमंडल ने देश भर में, विधासभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की सहमति दे दी है.

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ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी

वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक आगे के लिए जेपीसी के पास भेजे जाने का प्रस्ताव किया गया है.

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सांसदों की संख्या के अनुसार भागीदारी

जेपीसी सभी पार्टीयों को उनके सांसदों के अनुसार कमेटी में शामिल करेगी. इस समिति का कार्यकाल 90 दिनों का होगा, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है.

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पुन: लोकसभा में लाया जाएगा

जेपीसी की रिपोर्ट के बाद विधेयक को पुन: लोकसभा के पटल पर रखा जाएगा,

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राज्यसभा मे बहुमत

लोकसभा से पारित होने के बाद बिल को राज्यसभा में भेजा जाएगा,

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तब वन नेशन-वन इलेक्शन बनेगा कानून

वहीं, राज्यसभा में कानून पारित होने के बाद इस कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद वन नेशन-वन इलेक्शन विधेयक कानून बन जाएगा.