
प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर को लेकर पटना पुलिस हुई बेउर जेल के लिए रवाना हो चुकी है.

प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना
पटना के एक सिविल कोर्ट ने उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना देने के मामले में सशर्त जमानत दिया था,

सशर्त जमानत से इंकार
वहीं, जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने सशर्त जमानत से इंकार किया है.

विधि-व्यवस्था के लिए समस्या
अदालत ने प्रशांत किशोर को जमानत देते हुए कहा कि आगे से वे किसी भी प्रतिबंधित जगह पर धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे या विधि-व्यवस्था के लिए किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं करेंगे.

गांधी मैदान धरने के लिए प्रतिबंधित जगह
बीते 2 जनवरी से अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को नोटिस जारी करते हुए प्रशासन ने कहा कि गांधी मैदान धरन देने के लिए प्रतिबंधित स्थल है.

अवैध तरीके से धरना देना
वहीं, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 189 (1) के अनुसार, एक समूह जिसमें पांच या अधिक व्यक्ति शामिल हैं, उसे 'अवैध सभा' कहा जाएगा, अगर अवैध सभा का सामान्य उद्देश्य केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार, या किसी सार्वजनिक सेवक को डराना या दबाना हो सकता है.

BNS Section 189 (2)
वहीं, भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 189 (2) के अनुसार, यदि जानबूझकर उस सभा में शामिल होता है, तो उसे अवैध सभा का सदस्य माना जाएगा.

जेल की सजा व जुर्माने का प्रावधान
अवैध सभा के सदस्य बनने पर और उसमें दोषी पाए जानेवाले व्यक्ति को छह महीने तक की कैद या जुर्माना, या दोनों से दंडित किया जा सकता है.