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शिल्पा शेट्टी के खिलाफ SC-ST का मुकदमा राजस्थान हाईकोर्ट ने क्यों रद्द किया, जानें पूरा मामला

शिल्पा शेट्टी के खिलाफ एससी-एसटी मुकदमा रद्द करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि भंगी शब्द का प्रयोग उन व्यक्तियों के लिए भी किया जा सकता है, जिसने भांग पी हो.

राजस्थान हाईकोर्ट, शिल्पा शेट्टी

Written by Satyam Kumar |Updated : November 22, 2024 12:07 PM IST

हाल ही में राजस्थान हाईकोर्ट ने बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दर्ज एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज एफआईआर को खारिज कर दिया है. फैसले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि अभिनेत्री के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो कि उसने जानबूझकर वाल्मिकी समुदाय का अपमान किया हो. बता दें कि साल 2013 में दिए एक इंटरव्यू को लेकर अभिनेत्री  के खिलाफ साल 2017 में मुकदमा दर्ज किया गया था.

इन कारणों से शिल्पा शेट्टी को HC से मिली राहत

राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस अरूण मोंगा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 18 नवंबर को याचिका को अनुमति देते हुए कहा कि FIR या रिकॉर्ड पर रखे गए सबूतों से ऐसा कोई संकेत नहीं मिलता है, जिससे यह किया जा सके कि शेट्टी का वाल्मीकि समुदाय को नीचा दिखाने या अपमानित करने का इरादा था.

अदालत ने कहा,

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"इंटरव्यू के दौरान दिए गए बयानों की गलत व्याख्या की जा रही है और उन्हें संदर्भ से बाहर ले जाया जा रहा है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में यह प्रावधान है कि किसी आरोप को सही साबित करने के लिए, आरोपी को एससी/एसटी समुदाय के लोगों को अपमानित करने, अपमानित करने या नुकसान पहुंचाने का एक विशिष्ट इरादा होना चाहिए. इन बयानों को सही ढंग से समझने के लिए संदर्भ (Context) महत्वपूर्ण है."

अदालत ने शब्द निर्माण की व्याख्या करते हुए कहा कि भंगी शब्द का प्रयोग उन व्यक्तियों के लिए भी किया जा सकता है, जिसने भांग पी हो. अदालत ने FIR तीन साल की देरी करने पर भी सवाल उठाया है. अदालत ने इसे अदालती प्रक्रिया का दुरूपयोग भी बताया.

शिल्पा शेट्टी पर क्यों दर्ज हुआ SC-ST का मुकदमा

साल 2017 में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के खिलाफ साल 2013 में एक टीवी इंटरव्यू में भंगी शब्द यूज करने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. शिकायत दर्ज कराते हुए कहा गया कि इस शब्द का इस्तेमाल से वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है.