नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (MCD) में BJP के पार्षद शरद कपूर ने स्थायी समिति के सदस्यों के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. याचिकाकर्ता शरद कपूर ने अपनी याचिका में महापौर पर निकाय के हर संवैधानिक और वैधानिक मानदंड का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने याचिकाकर्ता के वकील के अनुरोध पर मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया.
कपूर का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता कीर्ति उप्पल कर रहे हैं. अधिवक्ता कीर्ति उप्पल ने कोर्ट में तर्क देते हुए कहा कि मेयर शैली ओबेरॉय ने एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव के दौरान मोबाइल फोन और पेन के इस्तेमाल की अनुमति देकर स्थापित मानदंडों और मर्यादा का उल्लंघन किया.
याचिकाकर्ता ने 22 फरवरी को हुये इस चुनाव को निरस्त करने की मांग की है. एमसीडी के निर्णय करने वाले सर्वोच्च निकाय के सभी छह सदस्यों का चुनाव करने के लिए महापौर के आदेश पर नये सिरे से मतदान कराया जा रहा है.
भाजपा ने नये सिरे से MCD चुनाव की मांग की थी. कपूर ने अधिवक्ता नीरज के माध्यम से दायर अपनी याचिका में कहा है कि महापौर ने ‘‘हर संवैधानिक और वैधानिक मानदंड का उल्लंघन किया’’ और ‘‘22 फरवरी को आयोजित चुनावी कार्यवाही में मोबाइल फोन और कलम के इस्तेमाल की अनुमति देकर संविधान के आदेश के साथ धोखा किया’’.
कपूर ने कहा कि स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए इस्तेमाल किए गए मतपत्र गोपनीय माने जाते हैं, लेकिन कई मतपत्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किए जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने अपने वोट डालने से पहले अपने बैलट पेपर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन किया, यह चुनावी प्रक्रिया का उल्लंघन है.
याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि भाजपा के निर्वाचित सदस्यों की आपत्ति के बावजूद महापौर द्वारा स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव के लिए प्रक्रिया जारी रखने की अनुमति दी गई.