नोएडा: यूपी रेरा (RERA) ने मैसर्स अंसल प्रॉपर्टी एंड प्रमोटर्स के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. रेरा अधिनियम की धारा-36 के तहत अंतरिम आदेश पर मेसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड प्रमोटर्स को सुशांत गोल्फ सिटी हाईटेक टाउनशिप के तहत पंजीकृत परियोजनाओं और अपंजीकृत भूमि के हिस्से पर किसी भी प्रकार की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी है और 3,05,70,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, 19 जून को हुई बैठक में उप्र रेरा ने रेरा अधिनियम की धारा-36 के अंतर्गत पारित अंतरिम आदेश के द्वारा मेसर्स अंसल प्रापर्टीज एंड प्रोमोटर्स को सुशांत गोल्फ सिटी हाई-टेक टाउनशिप के अंतर्गत पंजीकृत परियोजनाओं तथा अपंजीकृत भू-क्षेत्र के किसी भी भाग पर किसी भी प्रकार का थर्ड पार्टी इंरेस्ट सृजित करने या किसी भी प्रकार के पंजीकृत विलेख अथवा अनुबंध अथवा एमओयू अथवा अन्य किसी इन्स्ट्रूमेंट के माध्यम से अंतरित करने से अग्रिम आदेशों तक प्रतिबंधित कर दिया है.
उप्र रेरा द्वारा यह निर्णय रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में होम बायर्स के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया.
रेरा द्वारा यह जानकारी दी गई कि उन्हें मेसर्स अंसल प्रापर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लखनऊ के विरुद्ध शिकायतें मिल रही थीं कि उनके द्वारा टाउनशिप के कुछ भागों को रेरा में पंजीकृत कराए बिना अवैध रूप से विक्रय किया जा रहा है.
रेरा द्वारा अपनी बैठक 15 दिसंबर 2020 में रेरा अधिनियम की धारा-35 सपठित धारा-34, 3, 38, 59, 63, 68 तथा रेरा नियमावली के नियम-22 के अंतर्गत हाई-टेक टाउनशिप से सम्बन्धित मामलों की जांच करने का निर्णय लिया गया था.
रेरा द्वारा प्रोमोटर को अनेकों अवसर प्रदान करने के बावजूद भी प्रोमोटर द्वारा समस्त अपेक्षित जानकारियां तथा साक्ष्य नहीं उपलब्ध कराए गए.
रेरा द्वारा प्रोमोटर को सुनवाई के भी कई अवसर प्रदान किए गए. प्रोमोटर द्वारा जो भी उत्तर तथा विवरण उपलब्ध कराए गए, उनके आधार पर रेरा का मत है कि प्रोमोटर द्वारा हाई-टेक टाउनशिप के काफी बड़े भू-क्षेत्र को रेरा में पंजीकरण कराए बिना बेंचा जा रहा है और रेरा अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है.
रेरा के इस आदेश के बाद कई बिंदुओं पर प्रमोटर्स को 25 जुलाई तक अपनी सफाई देनी होगी, जिसमें प्रमोटर्स टाउनशिप के अपंजीकृत भू-क्षेत्रफल के पंजीकरण के लिए 5 दिन में आवेदन करें.
रेरा की स्वीकृति प्राप्त किए बिना तथा रेरा के प्राविधानों के विपरीत 06 परियोजनाओं को मेसर्स स्पेशिया वेंचर्स एल एल पी, मेसर्स राजेंद्र एंड सन्स इन्फ्रा प्रा लि., मेसर्स आर आर ड्वेलिंग्स प्रालि, मेसर्स आदित्य कन्सट्रक्शन्स, मेसर्स आर आर सिविलटेक प्रा0लि0 तथा मयंक अग्रवाल को हस्तगत करने से सम्बन्धित पूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत करें. इसी प्रकार अन्य 6 परियोजनाएं जिन्हें दूसरे निवेशकों को अंतरित करने जा रहे हैं, से सम्बन्धित पूरे विवरण प्रस्तुत करें.
साक्ष्य के साथ स्पष्ट करें कि एफ एस आई क्रेताओं को विक्रित एफ एस आई रेरा में पंजीकृत किस परियेाजना का भाग है, या प्रश्नगत भू-क्षेत्र रेरा में पंजीकृत नहीं है. डी ए -5 के अंतर्गत ग्रुप हाउसिंग तथा ई डब्ल्यू एस एल आई जी के लिए आरक्षित भू-क्षेत्रफल में पंजीकृत करायी गयी तथा अपंजीकृत भू-क्षेत्रफल का विवरण दें.
एफ एस आई क्रेताओं के साथ निष्पादित सेल डीड या अनुबंधध की प्रति सहित पूरा विवरण दें और यह बतायें कि एफ.एस.आई. विक्रय से प्राप्त धनराशि को किस खाते में प्राप्त किया गया तथा टाउनशिप में किन कार्यों में प्रयुक्त किया गया.
रेरा द्वारा संबंधित सब रजिस्ट्रार से भी यह जानकारी मांगी गई है और अपने निर्णय की प्रति जिलाधिकारी लखनऊ तथा शासन के आवास एवं शहरी नियोजन तथा स्टाम्प एंड रजिस्ट्रेशन विभाग को भी भेजी गई है.
उ प्र रेरा द्वारा 19 जून की अपनी बैठक के एक अन्य निर्णय में प्रोमोटर मेसर्स अंसल ए पी आई पर रेरा अधिनियम की धारा-4 तथा 11 तथा नियम-3 के उल्लंघन के लिए तीन करोड़ पांच लाख सत्तर हजार रूपये का अर्थदण्ड भी लगाया जिसे प्रोमोटर द्वारा एक माह के अन्दर रेरा में जमा किया जाना है अन्यथा इसकी वसूली जिलाधिकारी के माध्यम से भू-राजस्व के बकाये की भांति करायी जाएगी.
रेरा द्वारा प्रोमोटर के ऊपर यह अर्थदण्ड उनकी तीन परियोजनाओं अंसल बिजिनेस पार्क, अंसल बिजनेस पार्क तथा गोल्फ रेजिडेंशिया परियोजनाओं के फॉरेंसिक ऑडिट के निष्कर्षों के आधार पर लगाया गया है, जिसमें यह पाया गया कि प्रोमोटर द्वारा होम बायर्स से प्राप्त 60.57 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया है.
रेरा द्वारा प्रोमोटर को यह आदेश भी दिए गए कि दुरूपयोग की गयी धनराशि रुपये 60.57 करोड एक माह के अंदर प्रश्नगत परियोजनाओं के एस्क्रो एकाउंट में जमा की जाए.