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'अशांति फैलाने की कोशिश दिखाई पड़ती है...', फटकार के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुबैर को मिली अंतरिम राहत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि आप शिकायत करने की जगह एक्स पर पोस्ट करेंगे, वह जो भी कहें, उसे लेकर आप सोशल मीडिया पर नहीं जा सकते हैं. आपको सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक नहीं है लेकिन आप इसका इस्तेमाल अशांति फैलाने के लिए नहीं कर सकते.

इलाहाबाद हाईकोर्ट, अल्ट न्यूज जुबैर

Written by Satyam Kumar |Updated : December 20, 2024 7:22 PM IST

आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबेर से पूछा कि उन्होंने पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ X पर जाकर कुछ भी पोस्ट करने की बजाय पुलिस में FIR दर्ज क्यों नहीं कराई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जुबैर को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदानकरते हुए कहा कि अगर एक व्यक्ति (यति नरसिंहानंद) गलत व्यवहार कर रहा है तो क्या आप भी उसी के नक्शे कदम पर चलेंगे? क्या आपने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई है? अगर आपको उनका (यति का) भाषण पसंद नहीं आया तो आपको उनके खिलाफ FIR दर्ज करानी चाहिए थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट, जुबैर की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें उसके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने की मांग थी.

जुबैर को पहले मिली फटकार, फिर अंतरिम सुरक्षा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस नलिन श्रीवास्तव की पीठ ने राज्य को भी आदेश दिया जिसमें जुबेर की गिरफ्तारी की सुरक्षा की मांग करने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिये कहा गया है. अदालत की ओर से जुबैर को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी है. दअरसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 के तहत भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के आरोप में जुबेर के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

बहस के दौरान जब अदालत ने जुबैर के वकील से सवाल किया कि उन्होंने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की जगह X पर पोस्ट किया है. इस पर जुबैर के वकील ने उन्होंने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के तहत यति नरसिंहानंद के कार्यों को उजागर कर रहे थे. इस पर हाईकोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि आप शिकायत करने की जगह एक्स पर पोस्ट करेंगे, वह जो भी कहें, उसे लेकर आप सोशल मीडिया पर नहीं जा सकते हैं. आपको सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर रोक नहीं है लेकिन आप इसका इस्तेमाल अशांति फैलाने के लिए नहीं कर सकते.