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सरकारी कर्मचारियों के लिए इस राज्य ने बनाया पेंशन का नया कानून

पेंशन के लाभ के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा अनिवार्य है. लेकिन तीन से चार साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिकों ने अपनी पूर्व की 10 से 15 वर्ष की अस्थायी सेवाओं को पेंशन के लिए जोड़ने की मांग की.

Pension

Written by My Lord Team |Published : May 16, 2023 12:18 PM IST

देहरादून: सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन को लेकर उत्तराखंड में अब नए नियम बनने जा रहे हैं. गैरसैंण बजट सत्र में पारित उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक-2022 विधिवत कानून बन गया. विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. इसके आदेश सचिव शहंशाह मुहम्मद दिलबर दानिश ने किए. यह वर्ष 1961 से मान्य होगा.

न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इसके लागू होने से अब अस्थायी कार्मिक के रूप में की गई सेवाएं  पेंशन लाभ के लिए अमान्य होंगी. मौलिक नियुक्ति की तारीख से सेवा अवधि पेंशन के लिए गिनी जाएगी.

इसलिए राज्य सरकार द्वारा लिया गया फैसला हालिया कुछ वर्षों में लोनिवि, सिंचाई, पेयजल समेत कुछ विभागों में अस्थायी से स्थायी हुए कर्मचारियों ने पूर्व की सेवाओं के आधार पर पेंशन का लाभ देने की मांग की थी.

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पेंशन के लाभ के लिए कम से कम 10 साल की नियमित सेवा अनिवार्य है. लेकिन तीन से चार साल की स्थायी सेवा वाले कार्मिकों ने अपनी पूर्व की 10 से 15 वर्ष की अस्थायी सेवाओं को पेंशन के लिए जोड़ने की मांग की.

इन मामलों में हुए कोर्ट केस में फैसले कर्मचारियों के पक्ष में आए और इसके बाद यह सिलसिला शुरू हो गया.