नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदालती कामकाज की भाषा को अंग्रेजी से बदलकर हिंदी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) के मुद्दे पर पूछे गये एक प्रश्न के तहत एक सदस्य ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार का अदालती कामकाज की भाषा को अंग्रेजी से बदलकर हिंदी करने का प्रस्ताव है ताकि आम आदमी न्यायिक कार्यवाही को अपनी भाषा में समझ सके? इसके जवाब में मेघवाल ने कहा, ‘‘नहीं’’.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि अप्रैल 2022 में भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एन वी रमणा ने कहा था कि देश के संबंधित उच्च न्यायालयों में स्थानीय भाषाओं में काम शुरू करने के संदर्भ में ‘‘कुछ बाधाएं’’ हैं, किंतु उन्होंने यह भी उम्मीद जतायी थी कि कृत्रिम मेधा (एआई) सहित वैज्ञानिक नवोन्मेष की सहायता से इस मुद्दे का ‘‘निकट भविष्य में समाधान’’ निकाल लिया जाएगा.