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देशभर की अदालतों में वर्ष 2023 की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत कल, एक दिन में होगी करोड़ो मुकदमों पर एकसाथ सुनवाई

11 फरवरी को वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में देशभर की अदालतों में 3 करोड़ 87 लाख से अधिक मामलो सूचीबद्ध किए गए थे.शनिवार को होने वाली वर्ष की इस दूसरी राष्ट्रीय अदालत में यह आकड़ा और भी अधिक होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : May 12, 2023 4:02 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार, 13 मई को देशभर में अदालतों में वर्ष 2023 की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा. संभवतया इस राष्ट्रीय लोक अदालत में 3 करोड़ से भी अधिक मुकदमें सुनवाई के लिए रखे जाऐंगे.

11 फरवरी को वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में देशभर की अदालतों में 3 करोड़ 87 लाख से अधिक मामलो सूचीबद्ध किए गए थे. शनिवार को होने वाली वर्ष की इस दूसरी राष्ट्रीय अदालत में यह आकड़ा और भी अधिक होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एस के कौल के निर्देशानुसार देशभर के सभी राज्य विधिक प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष, सदस्य सचिव और जिला प्राधिकरणों के अध्यक्ष ​राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में जुटे हुए रहे है.

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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने कोविड काल के बाद से ही राष्ट्रीय लोक अदालतों में पेडिंग मुकदमों के निस्तारण का एक रिकॉर्ड कायम किया है. 13 मई को आयोजित होने वाली इस लोक अदालत को लेकर भी देश के सभी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जुटे हुए है.

नालसा की स्थापना के बाद 11 फरवरी 2023 की राष्ट्रीय लोक अदालत में सर्वाधिक 2 करोड़ 6 लाख सेअधिक मुदकमें एक ही दिन में निस्तारित करते हुए रिकॉर्ड कायम किया है.

दिल्ली में 1.5 लाख से अधिक ट्रेफिक चालान होंगे निस्तारित

राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत देश के राजधानी दिल्ली में सवा दो लाख के करीब मुकदमों की सुनवाई के लिए 351 लोक अदालतों का गठन किया गया है.

शनिवार को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष Justice Siddharth Mridul द्वारा उद्घाटन के साथ साकेत कोर्ट में निरीक्षण किया जायेगा.

राज्य प्राधिकरण के सदस्य सचिव जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश कुमार गुप्ता ने गुरूवार को राष्ट्रीय लोक अदालत की जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 2 लाख 14 हजार से अधिक मुकदमें सूचीबद्ध किये गए है.

सदस्य सचिव ने दिल्ली में ट्रैफिक चालान से जुड़े मुकदमों की जानकारी देते बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम जनता को राहत देने के लिए करीब 1.5 लाख से अधिक कंपाउडेबल ट्रेफिक चालान भी निस्तारण के लिए सूचीबद्ध किए गए है.

आम जनता को ट्रैफिक चालान से जुड़े मामलों के निस्तारण के मुश्किल ना हो, इसके लिए एक विशेष वेबलिंग दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ साथ दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वेबसाईट पर भी उपलब्ध कराया गया है.

इस वेबलिंग के जरिए वादी अपने चालान की पर्ची डाउनलोड करने के साथ ही पसंद की कोर्ट और अपने सुविधानुसार समय का स्लॉट का चयन भी करने के साथ ही उसका प्रिंट भी ले सकते है.

राजस्थान में 9 लाख से अधिक मुकदमें, 557 बेंचो का गठन

वर्ष की दूसरी राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासो से राज्यभर से करीब सवा 9 लाख से अधिक मुकदमों को सोमवार शाम तक चिन्हित किया जा चुका है.

प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एम एम श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के लिए पिछले एक माह में कई बैठके ले चुके है.

राज्य प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रमिल कुमार माथुर के अनुसार शनिवार की राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्थान में कुल 517 लोक अदालतों का गठन किया गया है.

इन लोक अदालतों के समक्ष सुनवाई के लिए सोमवार 8 मई तक ही तक ही करीब 9 लाख 25 हजार से अधिक मुकदमों को चिन्हित किया जा चुका है, शनिवार तक यह आकड़ा बहुत ज्यादा बढ सकता है.

सोमवार, 8 मई तक के आकड़ो के अनुसार 5.8 लाख प्री लिटिगेशन और 3.5 लाख पेडिंग मुकमदों को चिन्हित किये जा चुके है.

क्या है लोक अदालतें

राष्ट्रीय लोक अदालतें नियमित अंतराल पर देशभर की अदालतों में आयोजित की जाती हैं,जहां पर एक ही दिन में पूरे देश में हाईकोर्ट से लेकर जिला स्तर तक सभी अदालतों में लोक अदालतें आयोजित की जाती हैं और बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है.

राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से देशभर की अदालतों दुर्घटना बीमा क्लेम केस, दीवानी प्रकरण, विद्युत प्रकरण, चेक अनादरण के मामले, पारिवारिक विवाद, भू-अर्जन संबंधी विवाद, श्रम प्रकरण, राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, सेवा संबंधी मामले, व जिला न्यायालय में प्रस्तुत होने वाले प्री-लिटिगेशन मामले सहित ट्रेफिक चालान से जुड़े मामलो को भी निस्तारित किया जायेगा.

लोक अदालत के फायदे

लोक अदालत उन मामलों में निर्णय ले सकती है जहां कानून व्यक्तियों के बीच समझौता या समझौता करने की अनुमति देता है। यह पूर्व-मुकदमेबाजी के मामलों के साथ-साथ वर्तमान अदालती मुद्दों पर भी विचार कर सकता है.

लोक अदालतों में आपसी समझाईश के बाद मामले का एक बार निस्तारण होने के बाद मामला हमेंशा के लिए समाप्त हो जाता है.