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तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई में जातिगत भेदभाव मामले पर हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

मामले में आगे जांच बढी तो जातिगत भेदभाव का खुलासा हुआ. जिसके अनुसार गांव में दो वॉटर टैंक हैं. इनमें से एक दलितों के लिए बना है, जिसका पानी पीकर लोग बीमार हो रहे थे. जांच करने पर पता चला कि टैंक में इतना मानव मल मिलाया गया कि पानी पीला हो चुका था.

Written by Nizam Kantaliya |Published : December 29, 2022 6:05 AM IST

तमिलनाडु के वेंगईवयल की ग्राम पंचायत मुत्तुक्कडू में दलितों के लिए बने वाटर टैंक में मानव मल मिलाने का मामला सामने आने के बाद Madras  High Court ने भी सख्त नाराजगी जताई है.

घटना को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गयी है. जातिगत भेदभाव को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने पुदुक्कोट्टई जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, डीएसपी मानवाधिकार विभाग और सामाजिक न्याय विभाग को नोटिस जारी कर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है.

याचिकाकर्ता शनमुगम की ओर से दायर याचिका में दूषित पानी पीने वाले परिवारों के लिए मुआवजे की मांग की है.

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पेयजल में मिलाया मानव मल

तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई जिले के अंतर्गत आने वाले एरयूर, मुत्तुक्कडू में दलित अरूंथथियार समुदाय रहता है. करीब सौ साल पहले रामासामी पेरियार ने राज्य के मंदिरों में इनके प्रवेश को बैन कर दिया था. यही प्रथा आजादी के 75 साल बाद भी चल रही है. एरयूर में 100 दलित परिवार रहते हैं. छले दिनों इन लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर शुरुआती जांच में सामने आया कि उनके दूषित पानी पिया गया था.

बच्चे बीमार हुए तो हुआ खुलासा

मामले में आगे जांच बढी तो जातिगत भेदभाव का खुलासा हुआ. जिसके अनुसार गांव में दो वॉटर टैंक हैं. इनमें से एक दलितों के लिए बना है, जिसका पानी पीकर लोग बीमार हो रहे थे. जांच करने पर पता चला कि टैंक में इतना मानव मल मिलाया गया कि पानी पीला हो चुका था.

पानी की टंकी में मानव मल मिलाने से अंजान अरूंथथियार समुदाय के लोग लगातार पानी पी रहे थे इसी के चलते जब बच्चे बीमार हुए तब सच सामने आया.

मानव मल मिलाने का खुलासा होने वार जिला कलेक्टर कविता रामू और SP वंदिता पांडे जांच के लिए पहुंची. तब पता चला कि गांव में अरूंथथियार समुदाय के लोगों के साथ यह अत्याचार लंबे समय से हो रहा है.

खुलवाया गया दूसरा टैंक

जातिगत भेदभाव मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने अरूंथथियार समुदाय को लेकर ना केवल स्थानीय मंदिर में एंट्री दिलवाई. बल्कि गांव में बने दूसरे 30 हजार लीटर का टैंक दलितों के इस्तेमाल के लिए खुलवाया गया.

इस दौरान प्रशासन ने विरोध करने वाली एक महिला को भी गिरफ्तार किया जिसने प्रशासन का विरोध किया था. प्रशासन ने गांव जातिगत भेदभाव करने वाले चाय की दुकान के संचालक पति पत्नी को गिरफ्तार किया.

इस पुरे मामले में स्थानीय पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए.

क्या कहा हाईकोर्ट ने

मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने घटना पर आश्चर्य जताते हुए प्रशासन से इस मामले में संपूर्ण स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है. हाईकोर्ट ने मामले की रिपोर्ट 31 जनवरी तक अदालत में पेश करने को कहा है.

हाईकोर्ट में तमिलनाडु के पुदुक्कोट्टई के वेंगईवयाल गांव निवासी शनमुगम ने मानव मल-मिश्रित पानी पीने वाले 30 से अधिक परिवारों की डिटेल भी हाईकोर्ट को सुपूर्द की है. और प्रत्येक परिवार के लिए मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया है.

हाईकोर्ट ने कहा कि सर्वप्रथम प्रशासन ये तय करे कि स्थानीय लोगों का स्वास्थ्य देखभाल की जाए.