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NEET UG 2024: कैंसिल नहीं होगी नीट की परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को इन बिंदुओं में समझिए

सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को कैंसिल करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा रद्द करने के लिए न केवल साक्ष्यों की कमी है बल्कि सीबीआई की अब तक की जांच में परीक्षा की व्यापक तौर पर पेपर लीक का जिक्र नहीं दिख रहा है.

सुप्रीम कोर्ट.

Written by Satyam Kumar |Published : July 23, 2024 6:26 PM IST

NEET UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा को कैंसिल करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा रद्द करने के लिए न केवल साक्ष्यों की कमी है बल्कि सीबीआई की अब तक की जांच में परीक्षा की व्यापक तौर पर पेपर लीक का जिक्र नहीं दिख रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट नीट पेपर करने की मांग से जुड़ी 30 से अधिक याचिकाओं की सुनवाई कर रहा थी. चार दिनों की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है. आइये जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कह है?

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने नीट पेपर मामले की सुनवाई की.

सीजेआई ने अपने आदेश में शुरूआती निर्देशों की जिक्र किया. सीजेआई ने कहा कि हमने इस मामले की जांच निम्नलिखित बिंदुओं से शुरू की.

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  1.  क्या कथित उल्लंघन प्रणालीगत स्तर पर हुआ था;
  2. क्या उल्लंघन इस प्रकृति का है कि यह पूरी परीक्षा प्रक्रिया की अखंडता को प्रभावित करता है;
  3.  क्या धोखाधड़ी के लाभार्थियों को बेदाग लाभार्थियों से अलग करना संभव है

सीजेआई ने कहा,

रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दोषपूर्ण है या परीक्षा की पवित्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हुआ है.

सीजेआई ने आगे कहा, 

उपरोक्त कारणों से, हमारा विचार है कि संपूर्ण NEET UG 2024 परीक्षा को रद्द करने का आदेश देना, न तो रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री के आधार पर और ना ही इस न्यायालय के निर्णयों द्वारा प्रतिपादित स्थापित सिद्धांतों, के लिए सही नहीं होगा.

सीबीआई ने बताया है कि वर्तमान चरण में, जांच के दौरान सामने आई सामग्री से पता चलता है कि हजारीबाग और पटना के परीक्षा केंद्रों से चुने गए लगभग 155 छात्र धोखाधड़ी के लाभार्थी प्रतीत होते हैं.

चूंकि सीबीआई जांच अभी अंतिम चरण में नहीं पहुंची है, इसलिए इस न्यायालय ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह 571 शहरों में स्थित 4,750 केंद्रों से प्राप्त परिणामों के आधार पर असामान्यताओं या अन्य बातों के अस्तित्व के संबंध में कुछ रुझान बताए. अदालत के निर्देशों के अनुसार, केंद्र सरकार ने आईआईटी मद्रास से एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है.

सीजेआई ने कहा, 

इस स्तर पर, किसी भी विवाद को टालने के लिए, अदालत ने एनटीए द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों की स्वतंत्र रूप से जांच की है. वर्तमान स्तर पर, रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दोषपूर्ण है या परीक्षा की पवित्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हुआ है.

नए सिरे से NEET UG का निर्देश देने से परीक्षा में शामिल होने वाले 2 मिलियन छात्रों पर गंभीर रूप से प्रभाव पड़ेगा. जिनमें (1) मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन का शेड्यूल बिगड़ेगा; (2) चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर प्रभाव; (3) भविष्य में चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर प्रभाव और (4) मार्जिनलाइज्ड कम्युनिटी के छात्रों को नुकसान होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने उपरोक्त निर्देशों के साथ नीट पेपर लीक की परीक्षा को रद्द करने से इंकार कर दिया है.