Advertisement

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगा आज सुनवाई, ED ने किया विरोध

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख करने के बाद शुक्रवार को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

SC agrees to hear plea against TN minister Senthil Balaji

Written by My Lord Team |Published : July 21, 2023 11:10 AM IST

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय  गुरुवार को तमिलनाडु के गिरफ्तार मंत्री वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्‍नी द्वारा डीएमके नेता को हिरासत में लेने के ईडी के अधिकार को बरकरार रखने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया। मामला नौकरियों के बदले कथित तौर पर रिश्‍वत लेने से संबंधित है।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल द्वारा मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख करने के बाद शुक्रवार को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

उन्होंने शीर्ष अदालत को बताया कि बालाजी को कभी भी पुलिस हिरासत में लिया जा सकता है और अगर मामले की तुरंत सुनवाई नहीं की गई तो याचिकाएं निरर्थक हो जाएंगी।

Also Read

More News

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने आदेश में उच्च न्यायालय द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक और याचिका भी दायर की है।अदालत ने सभी याचिकाओं को शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

मंत्री और उनकी पत्‍नी ने शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति सी वी कार्तिकेयन की पीठ का दरवाजा खटखटाया है। उच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश, जिनके पास मामला भेजा गया था, ने फैसला सुनाया कि केंद्रीय एजेंसी को विधायक को गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसमें कहा गया था कि अगर एजेंसी गिरफ्तार कर सकती है तो हिरासत की मांग भी कर सकती है।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा बालाजी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर विधायक की पत्‍नी द्वारा दायर याचिका पर एक खंड पीठ द्वारा खंडित फैसला सुनाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की थी।

4 जुलाई को दिए गए खंडित फैसले में न्यायमूर्ति जे. निशा बानू ने मंत्री की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया और उन्हें तत्काल प्रभाव से मुक्त करने का आदेश दिया, जबकि न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती ने उनकी "अवैध" हिरासत के सवाल पर मतभेद व्यक्त किया।

गिरफ्तार मंत्री की पत्‍नी एस. मेगाला ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर नौकरी के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में ईडी द्वारा अपने पति की गिरफ्तारी की आलोचना की थी, जो कथित तौर पर 2011 से 2016 तक तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार के परिवहन मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था।

15 जून को पारित एक अंतरिम निर्देश में उच्च न्यायालय ने मंत्री को एक सरकारी अस्पताल से एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था, जहां वह ईडी अधिकारियों की हिरासत में थे। इसे चुनौती देते हुए ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी.