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पेड़ों की कटाई में LG की भूमिका तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, DDA और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने DDA को साफ तौर पर कहा है कि वे पेड़ो की कटाई में दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) की भूमिका बताएं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने DDA, पेड़ो की कटाई करनेवाले ठेकेदार और दिल्ली सरकार को नोटिस कर अपना-अपना जवाब रखने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ो की कटाई मामले में LG की भूमिका स्पष्ट करने को कहा है.

Written by Satyam Kumar |Updated : July 14, 2024 12:35 PM IST

Role of LG In Delhi Ridge's Area Tree Cutting: हाल ही में दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ो की कटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट काफी सख्त है. सुप्रीम कोर्ट ने DDA को साफ तौर पर कहा है कि वे पेड़ो की कटाई में दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) की भूमिका बताएं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या DDA ने LG को सूचना दी थी कि अदालत की इजाजत के बिना पेड़ों की कटाई के आदेश जारी नहीं कर सकते! दूसरा, क्या DDA ने LG के आदेश पर पेड़ो की कटाई की थी?

साथ ही मामले को सुन रही जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुंइया की डिवीजन बेंच ने पेड़ों की कटाई करने वाले ठेकेदार को भी नोटिस जारी किया है. बेंच ने ठेकेदार से बताने को कहा कि उन्होंने किसके कहने पर पेड़ो को काटा? सुप्रीम कोर्ट ने सुधारात्मक पहलुओं की ओर ध्यान करते हुए दिल्ली सरकार से पूछा कि पेड़ो की कटाई से हुए नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पिछले पांच सालों में पेड़ो की कटाई से जुड़े आदेश को रिकार्ड में रखने के आदेश दिए हैं.

तीन दिन तक कवर अप चला, फिर सच्चाई सामने आई: SC

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ दिल्ली के रिज एरिया में पेड़ो की कटाई के मामले को सुन रही है.  सुनवाई के दौरान, पीठ ने अदालत की पूर्व अनुमति के बिना पेड़ों की कटाई में एलजी की भूमिका पर कड़ी आपत्ति जताई. इसने टिप्पणी की कि डीडीए के आवेदन के शीर्ष अदालत में लंबित होने के बावजूद पेड़ों की कटाई की अनुमति देने में एलजी द्वारा पूरी तरह से दिमाग का उपयोग नहीं किया गया.

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पीठ ने कहा,

पहली तारीख को हमें बताया जाना चाहिए था कि एलजी ने निर्देश दिए हैं. तीन दिन तक कवर अप चला. एलजी के शामिल होने के दिन से ही हमें समझ में आ गया था, जब एजी आर वेंकटरमणी खुद हमारे सामने आए थे. यह बहुत स्पष्ट है. हलफनामे से पता चलता है कि डीडीए ने एलजी से अनुमति मांगी थी. एलजी ने भी पूरी तरह से दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया, उन्होंने मान लिया कि दिल्ली सरकार के पास वृक्ष अधिकारी की शक्ति है.

पीठ ने टिप्पणी की कि क्या एलजी खुद को एक अदालत मानते हैं.

न्यायमूर्ति ओका ने कहा,

मुझे लगता है कि एलजी खुद को एक अदालत मानते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने DDA, पेड़ो की कटाई करनेवाले ठेकेदार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. उन्हें अपने जवाब को अदालत की रिकार्ड पर रखने के आदेश दिए है.

पूरा मामला क्या है? 

शीर्ष अदालत दिल्ली निवासी बिंदु कपूरिया, एनजीओ और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि डीडीए को अनुमति देने से इनकार करने वाले शीर्ष अदालत के 4 मार्च के आदेश के बावजूद पेड़ काटे गए और यह तथ्य कि पेड़ काटे गए थे, अदालत से दबा दिया गया. मई में, शीर्ष अदालत ने इस साल फरवरी में शीर्ष अदालत के आदेशों का उल्लंघन करके पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाषिश पांडा के खिलाफ अदालत की अवमानना का स्वत: संज्ञान लिया था.