सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कहा कि नीट पीजी (NEET PG) के इक्जाम में निवास के आधार पर आरक्षण (Domicile Reservation) देना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा. डॉ. तन्वी गोयल बनाम श्रेय गोयल एवं अन्य मामले से जुड़ा है, जिसमें साल 2109 में पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने NEET PG में डोमिसाइल आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया था. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. वहीं, पहले सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा. आज तीन जजों की पीठ ने नीट पीजी में डोमिसाइल रिजर्वेशन पर अपना फैसला सुना दिया है...
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हृषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों में डोमिसाइल रिजर्वेशन स्पष्ट रूप से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. अदालत ने कहा कि राज्य कोटे की सीट भी मेरिट से भरी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने सौरभ चंद्र और प्रदीप जैन मामले में अपने फैसले का उद्धरण दिया.
जस्टिस धूलिया ने कहा,
"हम सभी भारत के निवासी हैं. हमारे पास देश भर में कहीं भी निवास करने और व्यापार करने का अधिकार है. संविधान हमें पूरे देश के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश का अधिकार देता है. "
हालांकि, शीर्ष अदालत ने विशेष रूप से कहा कि MBBS यानि NEET UG में नामांकन के लिए निवास स्थान आधारित आरक्षण (Domicile Reservation) को कुछ हद तक स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन PG चिकित्सा पाठ्यक्रमों में निवास के आधार पर आरक्षण देना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में निवास के आधार पर आरक्षण संवैधानिक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा. पीठ ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय का उन छात्रों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जो पहले से डोमिसाइल कोटे से PG में नामांकन ले चुके हैं.
हर राज्य में मेडिकल कॉलेज है और सभी राज्य अपने यहां के छात्रों के लिए मेडिकल सीट आरक्षित रखते हैं यानि निवास स्थान के आधार पर रिजर्वेशन (Domicile Reservation). पहले राज्यों के भी मेडिकल कॉलेज के इक्जाम होते थे, लेकिन NEET UG और PG आने के साथ पूरे देश के मेडिकल कॉलेज इसी से भरे जाते हैं. ऐसे में स्टेट मेडिकल कॉलेज अपने छात्रों के लिए कुछ प्रतिशत सीट डोमिसाइल कोटा के तहत रिजर्व रखते हैं. अब नीट पीजी में कुछ ही सीट होती है, और उसमें डोमिसाइल का लागू होना बच्चों के लिए अलग से परेशानी का सबब बना हुआ था, अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मार्क्स के आधार पर ही नीट पीजी में मेडिकल कॉलेज आवंटित की जाएगी.