नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका की तत्काल सुनवाई से शुक्रवार को फिर से इनकार कर दिया. याचिका में मांग की गई थी कि नागरिकों को 2000 रूपये के नोटों को, जिसे चलन से बाहर किया जा रहा है, बदलने की अनुमति बिना किसी पर्ची और आईडी प्रमाण के दी गई है।
आपको बतादें की याचिकाकर्ता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की अपील की है जिसपर सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने यह आदेश जारी किया.
इससे पहले भी (1 जून को) अश्विनी उपाध्याय की इस याचिका को न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने तब कहा था कि अदालत गर्मियों की छुट्टियों के दौरान इस तरह की याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करेगी.
अश्विनी उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा था कि ये मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि माओवादी, आतंकवादी और अलगाववादी 2,000 के नोटों को बदल रहे हैं. उपाध्याय ने मीडिया की ख़बरों का हवाला देते हुए कहा था कि अबतक 80,000 करोड़ रुपये के नोट बदले जा चुके हैं.
बुधवार को शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि, "अदालत मीडिया की खबरों पर नहीं जा सकते. आप शुक्रवार को इसका उल्लेख करें. इस बीच, रजिस्ट्री की रिपोर्ट देखी जाएगी."