नई दिल्ली: तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी, जो चेन्नई में एक सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, को किसी निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति देने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को इनकार कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
तमिलनाडु परिवहन विभाग में पैसे लेकर नौकरी देने से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में ईडी ने बालाजी को गिरफ्तार किया है।
न्यूज़ एजेंसी भाषा के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए ईडी को उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए चार जुलाई की तारीख तय की।
पीठ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश में टिप्पणियां की हैं और इस अदालत की किसी भी मौखिक टिप्पणी का मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’’
जानकारी के अनुसार, सुनवाई शुरू होने पर ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश गलत मिसाल कायम करता है।
तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने पैसे लेकर नौकरी देने से जुड़े कथित घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया था।
यह कथित घोटाला तब हुआ था जब वह दिवंगत जे जयललिता के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे।
बालाजी को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने का आरोप लगाते हुए उनकी पत्नी द्वारा दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिया था।
आपको बता दें कि सेंथिल बालाजी की चेन्नई के एक निजी अस्पताल में बाईपास सर्जरी की गई और उनका रक्त प्रवाह सामान्य है। निजी अस्पताल ने बुधवार को यह जानकारी दी।
‘कावेरी अस्पताल’ की ओर से जारी एक मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, मंत्री की सुबह हृदय की ‘कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी’ हुई। ‘कावेरी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स’ के सह-संस्थापक एवं कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंदन सेल्वराज ने बुलेटिन में कहा, ‘‘चार बाईपास ‘ग्राफ्ट’ लगाए गए और ‘कोरोनरी रिवैस्कुलराइजेशन’ किया गया।’’
‘कोरोनरी रिवैस्कुलराइजेशन’ उपचार की एक प्रकिया है, जिसमें हृदय के उन क्षेत्रों में रक्त के सामान्य प्रवाह को बहाल किया जाता है जहां रक्त जरूरत के हिसाब से नहीं पहुंच रहा होता।
बुलेटिन में कहा गया, ‘‘उनका रक्त प्रवाह अभी सामान्य है और वह ‘पोस्टऑपरेटिव इन्टेंसिव केयर यूनिट’ में चिकित्सकों तथा नर्सों के एक दल की निगरानी में हैं।’’
गौरतलब है कि सेंथिल बालाजी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद, एक सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन अदालत के आदेश के बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।