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Rajaji Tiger Reserve: 'हम सामंती युग में नहीं हैं, जैसा राजाजी बोले वैसा चले', राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट ने सीएम धामी से किया सवाल 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के सीएम धामी द्वारा राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक के रूप में नियुक्त करने पर सवाल उठाए हैं, जिन पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई के आरोप लगे थे.

Written by Satyam Kumar |Updated : September 5, 2024 6:01 AM IST

Rajaji Tiger Reserve: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी राहुल को राजाजी टाइगर रिजर्व का निदेशक नियुक्त करने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है. अधिकारी को पहले अवैध पेड़ काटने के आरोपों के चलते कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटा दिया गया था.

देश में पब्लिक ट्रस्ट जैसा भी कुछ है, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि हम सामंती युग में नहीं हैं, जैसा राजाजी बोले वैसा चले. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी से कहा कि कम से कम यह उम्मीद की जाती है कि जब वह अपने मंत्री और मुख्य सचिव से असहमत थे, तो वे लिखित में कारणों के साथ दिमाग का इस्तेमाल करेंगे.

बेंच ने पब्लिक ट्रस्ट सिद्धांत के महत्व पर जोर देते हुए कहा,

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"इस देश में सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत जैसा कुछ है, सार्वजनिक कार्यालयों के प्रमुख अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकते, जब यह पुष्टि हो कि उन्हें (अधिकारी को) वहां तैनात नहीं किया जाना चाहिए, इसके बावजूद, सिर्फ इसलिए कि वह मुख्यमंत्री हैं, वह कुछ भी कर सकते हैं?"

उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट एएनएस नादकर्णी ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास ऐसी नियुक्तियां करने का विवेकाधिकार है और उन्होंने अगली सुनवाई के दौरान विस्तृत तौर पर स्पष्टीकरण देने का वादा किया.

पूरा मामला क्या है?

सर्वोच्च न्यायालय की यह वन संबंधी मामलों की निगरानी के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद आई, जिसमें कहा गया था कि अधिकारी की नियुक्ति से वन्यजीव संरक्षण में शामिल हितधारकों में प्रथम दृष्टया विश्वास पैदा नहीं हुआ. रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अभी भी लंबित है और फिर भी उन्हें राजाजी टाइगर रिजर्व में निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया. इसने शीर्ष अदालत को आगे बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अनियमितताओं का मामला अभी भी शीर्ष अदालत के समक्ष विचाराधीन है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा भी इसकी जांच की जा रही है.

अधिकारी को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से हटा दिया गया था, क्योंकि कथित तौर पर उनकी निगरानी में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और निर्माण किया गया था. उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने हाल ही में कहा था कि राहुल को राजाजी टीआर के रूप में तैनात करने का निर्णय उनके और मुख्यमंत्री द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था.

उनियाल ने एएनआई से कहा था कि एक प्रमुख समाचार पत्र में यह खबर है कि मुख्यमंत्री ने राजाजी (राष्ट्रीय उद्यान) निदेशक की नियुक्ति के लिए मंत्री, मुख्य सचिव और अन्य को दरकिनार कर दिया है. सभी निर्णय मेरी और सीएम की सहमति के बाद सर्वसम्मति से लिए गए.

जनवरी 2022 में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कॉर्बेट के अंदर अवैध कटाई और निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया.  अप्रैल 2022 में, राज्य सरकार ने दो वन अधिकारियों को निलंबित कर दिया और राहुल को कॉर्बेट के निदेशक के पद से हटा दिया.