सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस एमएलए (MLA) सुखपाल सिंह खैरा के जमानत के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दी. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम (NDPS Act) मामले में विधायक सुखपाल सिंह खैरा (Sukhpal singh khaira) को जमानत दी थी, जिसे रद्द करने के लिए पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने के खैरा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से मिली जमानत को जारी रखा. इस मामले में सुखपाल सिंह खैरा ने कैवियट अर्जी भी दायर की थी.
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M trivedi) और जस्टिस केवी विश्वनाथन (Justice KV Vishwanathan) की पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि, "अब इस मामले में किसी व्यक्ति को समन करने की शक्ति केवल जांच एजेंसी के हाथों में है. अभी हम 2024 में है, मामला 2015 का है. जो काम सीधे किया जा सकता था, उसे अब धारा 319 के जरिए की जा रहा है. इस विषय पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला पहले ही दे दिया है ".
बता दें कि उच्च न्यायालय ने 4 जनवरी को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम (NDPS Act) के मामले में कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को जमानत दे दिया था. एकल- न्यायधीश वाली बेंच में जस्टिस अनूप चितकारा ने प्रथम दृष्टया ( Prima Satisfaction) पाया, कि विधान सभा सदस्य (MLA) सुखबीर सिंह खैरा उन पर लगाए आरोपों के लिए दोषी नहीं थे।
सीआरपीसी(CRPC) की धारा- 319 के तहत, किसी व्यक्ति को आरोपी के तौर पर तभी समन (Summon) किया जाना चाहिए जब उसके खिलाफ ठोस सबूत हों.
पंजाब में कांग्रेस से विधान सभा सदस्य सुखपाल सिंह खैरा ने मामले पर अपनी रखते हुए कहा कि, "वह कांग्रेस में आने से पहले वह आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य थे. और 2018 में उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया था. जिसके चलते उन्हें इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
(ये कॉपी हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे सत्यम कुमार ने लिखी है.)