28 जनवरी 1950 यानि आज से 75 वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट की स्थापना हुई थी. यह भारत के लोगों के द्वारा संविधान को अंगीकार करने व देश के गणराज्य बनने के बाद. उस समय सुप्रीम कोर्ट पुरानी संसद के प्रिंसेस चैंबर में बनाई गई थी. उस समय कुल आठ जज थे और भारत की पहले चीफ जस्टिस हरिलाल जे. कानिया हुए. वर्तमान सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग 1958 में बनी थी. आज ठीक 2025 में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के बाद सीजेआई संजीव खन्ना की अगुवाई में 33 जजों ने सेरेमोनियल बेंच का आयोजन कर एक साथ फोटो खिंचाई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से पहले, फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया देश में कार्यरत थी, जो कि 28 जनवरी के बाद से समाप्त कर दिया गया. फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया, भारत सरकार अधिनियम, 1935 के तहत प्रारूप में आया था. वहीं, संविधान की आर्टिकल 124 से लेकर 147 सुप्रीम कोर्ट के प्रावधानों से जुड़ा है. आर्टिकल 124 के अनुसार, देश में सर्वोच्च न्यायालय होगा, जिसमें सीजेआई के अलावे सात जज होंगे. संविधान में ही सुप्रीम कोर्ट जजों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी निर्देश जारी किए गए है, जिसके अनुसार, संसद समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट जजों की संख्या बढ़ाएगी. बता दें वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट जजों की संख्या 34 है.
बता दें कि संसद ने न्यायाधीशों की संख्या 1950 में 8 से बढ़ाकर 1956 में 11, 1960 में 14, 1978 में 18, 1986 में 26, 2009 में 31 और 2019 में 34 (वर्तमान क्षमता) की. आज, न्यायाधीश दो और तीन की बेंच में बैठते हैं और सुप्रीम कोर्ट की बेंचों के बीच किसी भी विरोधाभासी फैसले या संविधान की व्याख्या से संबंधित किसी भी महत्वपूर्ण प्रश्न पर फैसला करने के लिए 5 और अधिक की बड़ी बेंचों (संविधान पीठ) में एक साथ आते हैं.
वहीं, 1958 में बने सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान मूल भवन में तीन बार विस्तार किए गए है: 1979, 1994, और 2015 में. 1979 में ईस्ट विंग और वेस्ट विंग का निर्माण किया गया, जिसमें कुल 19 कोर्ट रूम हैं. 1994 में, पूर्व और पश्चिम विंग को जोड़ने के लिए दूसरा विस्तार किया गया है.तीसरे विस्तार का उद्घाटन 4 नवंबर 2015 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू द्वारा किया गया. इसके साथ ही 17 जुलाई 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने नए अतिरिक्त भवन परिसर का उद्घाटन किया, जिसमें न्यायाधीशों की नई लाइब्रेरी भी शामिल है.