सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ (AOR) केवल उन्हीं वकीलों की उपस्थिति दर्ज कर सकते हैं जो सुनवाई के किसी विशेष दिन अदालत में उपस्थित होने और मामले पर बहस करने के लिए अधिकृत हैं.
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा 30 दिसंबर, 2022 को जारी नोटिस के अनुसार, केवल ‘एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड’ ही वेबसाइट पर दिए गए लिंक या उच्चतम न्यायालय के कार्यालय मोबाइल ऐप के माध्यम से अदालत में उपस्थित होने वाले वकीलों की उपस्थिति को चिह्नित कर सकते हैं.
अदालत ने कहा कि नोटिस कहीं भी एओआर को उन वकीलों की उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति नहीं देता जो अदालत में उपस्थित होने या किसी मामले पर बहस करने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश उस मामले में सीबीआई जांच का आदेश देते हुए दिया जिसमें याचिकाकर्ता ने अपील दायर करने से इनकार किया था और दावा किया था कि उसने अपनी ओर से मामला दायर करने के लिए कभी भी अदालत में मौजूद किसी भी वकील की सेवा नहीं ली.
(खबर PTI भाषा से है.)