नई दिल्ली: मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को 1993 मुंबई बॉम्ब ब्लास्ट (1993 Mumbai Bomb Blasts) के एक अपराधी, सरदार खान को दाउद इब्राहिम से जुड़े एक धन शोधन (Money Laundering) के मामले में जमानत दे दी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई (PTI) के अनुसार, मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट ने 1993 में मुंबई में हुए बम धमाके के एक अपराधी, सरदार खान (Sardar Khan) को मंगलवार को जमानत दे दी है। मामला एक मनी लॉन्डरिंग से सम्बंधित था जिससे अंडरवर्ल्ड डॉन और गैंगस्टर दाउद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से जुड़ा हुआ है।
सरदार खान को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act (PMLA)) के तहत, स्पेशल जज आर एन रोकड़े (RN Rokade) द्वारा बेल दी गई है। यह जमानत दो लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड के एवज में मिली है।
मनी लॉन्डरिंग से जुड़े जिस मामले की बात यहां हो रही है, उसमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (NCP) नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) मुख्य आरोपी हैं। बता दें कि इस मामले में सरदार खान को बेल तो मिल गई है लेकिन वो जेल से नहीं छूटेंगे; सरदार खान इस समय औरंगाबाद की सेंट्रल जेल में हैं जहां वो बॉम्ब ब्लास्ट्स के मामले में, आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का ऐसा मानना है कि दाउद इब्राहिम की बहन हसीना पार्कर (Haseena Parkar) के साथ डील करने में सरदार खान ने नवाब मलिक की मदद की थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवाब मलिक के खिलाफ ईडी (ED) का यह केस एक एफआईआर पर बेस्ड है जो 'राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण' (National Investigation Agency- NIA) ने दाउद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ, 'विधिविरुद्ध क्रिया-कलाप (निवारण) अधिनियम, 1967' (Unlawful Activities (Prevention) Act, 1967) के तहत रजिस्टर किया था।