नई दिल्ली: RSS पर की गयी टिप्पणी को लेकर भिवंडी कोर्ट में दायर अवमानना केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने राहुल गांधी को केस की सुनवाई के दौरान पेशी पर उपस्थित रहने को लेकर स्थायी छूट दे दी है.
राहुल गांधी द्वारा महात्मा गांधी की मौत के लिए आरएसएस को जिम्मेदार बताने के बयान पर भिवंडी कोर्ट में अवमानना का केस दायर किया गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता राजेश कुंटे द्वारा दायर शिकायत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला महाराष्ट्र के भिवंडी की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष वर्ष 2014 से जारी है.
राहुल गांधी इस मामले में गांधी जून 2018 में मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुए थे और उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था, जिसके बाद मामले का ट्रायल शुरू हुआ.
2022 में, गांधी ने इस आधार पर अदालत में पेश होने से स्थायी छूट की मांग करते हुए एक आवेदन दिया कि वह संसद सदस्य थे, और उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना था और पार्टी के काम में भाग लेना था.
राहुल गांधी के इस आवेदन को शिकायतकर्ता ने यह कहते हुए विरोध किया कि हाल ही में राहुल गांधी को मानहानि के एक अन्य मामले में सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई है.
1 अप्रैल 2023 को दायर किए गए इस आवेदन के खिलाफ राहुल गांधी के अधिवक्ता ने कहा कि सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले के खिलाफ सत्र अदालत में चुनौती दी गई है.
गांधी के अधिवक्ता ने कहा कि पहले से दायर छूट के आवेदन को अब नुकसान नही पहुंचाया जा सकता.
दोनो पक्षो की बहस सुनने के बाद मजिस्टे्ट एलसी वाडीकर ने राहुल गांधी के स्थायी छूट के आवेदन को स्वीकार करते हुए पेश होने से छूट दी है. वही इस मामले पर गवाहों की रिकॉर्डिग के लिए 3 जून की तारीख तय की है.