नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चन्द्र शर्मा ने प्रशासनिक तौर पर कार्रवाई करते हुए आपत्तिजनक वीडियो के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट के एक एडिशनल सेशन जज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. वही वीडियो में दिखाई दे रही महिला के खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद महिला को भी निलंबित किए जाने की खबर सामने आयी है.
हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश के समक्ष वीडियो का मामला पेश किए जाने पर उन्होंने तत्काल फुल कोर्ट की बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में मामले में संज्ञान लेते मामले की जांच के लिए जांच कमेटी का गठन किया है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने Ministry of Electronics and Information Technology (MEITY) को पत्र लिखकर कथित वीडियो के प्रसार पर रोक भी लगाने को कहा हैं.
दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार देर रात एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे एक वीडियो के प्रसार को रोकने का आदेश दिया हैं. वीडियो में दिल्ली की एक अदालत के न्यायिक अधिकारी और उनके कार्यालय स्टाफ की महिला सदस्य होने का दावा किया जा रहा हैं.वीडियो में न्यायिक अधिकारी कथित रूप से महिला स्टाफ के साथ आपत्तिजनक स्थिति में है.
जस्टिस यशवंत वर्मा ने दिए आदेश में कहा है कि वीडियो की सामग्री की यौन रूप से स्थिति स्पष्ट है और वीडियो में व्यक्तियों के निजता के अधिकारों का हनन होने के साथ ही अपूरणीय क्षति होने की संभावना हैं.ऐसी स्थिति एक पक्षीय रोक लगाने का आधार हैं.
याचिकाकर्ता की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि इस मामले में हाईकोर्ट की फूल कोर्ट द्वारा प्रशासनिक कार्यवाही करते हुए प्रसंज्ञान लिया जा चुका हैं और इस मामले में एक प्रस्ताव भी जारी किया गया है. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने इस मामले में Ministry of Electronics and Information Technology (MEITY) को भी पत्र लिखकर वीडियो को सभी इंटरनेट प्रोवाइडर से हटाने और ब्लॉक करने की कार्यवाही करने को कहा गया हैं.
जस्टिस वर्मा ने हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम का समर्थन करते हुए Ministry of Electronics and Information Technology (MEITY) को आदेश दिए है कि वह हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल द्वारा लिखे गए पत्र की पालना में सभी आवश्यक कदम उठाए.
हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म को नोटिस जारी करते हुए यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि यह वीडियो किसी भी प्लेटफार्म पर साझा, वितरण या पोस्ट नहीं किया जा सके.
हाईकोर्ट ने इस मामले में मंत्रालय को पालना रिपोर्ट पेश करने के भी आदेश दिए हैं.
हाईकोर्ट ने ये आदेश उस महिला की याचिका पर दिए है जिनके कथित रूप से वीडियो में होने की बात कही जा रही है. महिला ने याचिका में वीडियो को मनगढ़ंत और विशेष रूप से बनाया हुआ बताते हैं.
गौरतलब है कि बुधवार से ही अलग अलग सोशल मीडिया पर दिल्ली की एक अदालत से जुड़ा छोटा वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कहा जा रहा है कि एक न्यायिक अधिकारी कथित रूप से अपनी कोर्ट स्टाफ के साथ आपत्तिजनक स्थिति में है. टाइमस्टैम्प से इस वीडियो के मार्च 2022 के होने का अनुमान जताया जा रहा है.