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जस्टिस चंदर भूषण बरोवालिया का इस्तीफा स्वीकार, 3 नवंबर को बने थे हिमाचल के लोकायुक्त

​जस्टिस सी बी बरोवालिया ने 3 नवंबर को ही हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त के रूप में शपथ ली हैं. लोकायुक्त पद पर नियुक्ति के लिए उन्होने 2 नवंबर को ही अपना पद से इस्तिफा दे दिया था.

Written by Nizam Kantaliya |Published : November 22, 2022 4:42 AM IST

नई दिल्ली, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जज जस्टिस चंदर भूषण बरोवालिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति द्वारा उनके इस्तीफा स्वीकार किये जाने के बाद सोमवार को कानून मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की.

हिमाचल के लोकायुक्त

जस्टिस बारोवालिया वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के लोकायुक्त के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. पिछले माह 14 अक्टूबर को ही हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने जस्टिस बारोवालिया (Justice Chandra Bhushan Barowalia) के लोकायुक्त पद पर नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी. राज्यपाल द्वारा नियुक्ति की अधिसूचना जारी करने के तुरंत बाद ही उन्होंने हाईकोर्ट से इस्तीफा दे दिया था.

हाईकोर्ट से इस्तीफे के बाद 3 नवंबर को ही हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने जस्टिस बारोवालिया को लोकायुक्त के पद की शपथ दिलाई थी. हिमाचल प्रदेश में लोकायुक्त का पद वर्ष 2017 से रिक्त था. लोकायुक्त के रूप में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस एलएस पांटा के बाद से इस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं हुई थी.

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2 नवंबर अंतिम कार्यदिवस

जस्टिस चंदर भूषण बरोवालिया का इस्तीफा दो नवंबर से स्वीकार किया गया है, जस्टिस बरोवालिया ने 2 नवंबर को अपना अंतिम कार्यदिवस के रूप में इंगित किया था और कार्यालय छोड़ दिया था. इस्तीफा स्वीकार होने के बाद ही उन्हें हिमाचल के लोकायुक्त के पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई (Lokayukta of Himachal Pradesh) गयी थी. उनका शपथ ग्रहण हिमाचल प्रदेश के राजभवन में आयोजित किया गया था.

15 मार्च 1961 को जन्मे जस्टिस बरोवालिया नवंबर 1984 में वकालत के पेशे में आए थे, उन्होंने शिमला जिला अदालत के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. अधिवक्ता कोटे से 10 जनवरी, 2003 को उन्हे अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार (न्यायिक) नियुक्त किए जाने से पहले उन्होंने जिला न्यायपालिका में सेवाएं दी.

12 अप्रैल, 2016 को उन्हे हाईकोर्ट में एडिशनल जज के तौर पर नियुक्त किया गया औरर जनवरी 2018 में उन्हे स्थाई किया गया.