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CJI को चुनाव आयुक्त की चयन समिति से बाहर रखने का मामला, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने खुद को सुनवाई से किया अलग

पिछले साल 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को पारदर्शी बनाने के लिए आदेश दिया था कि इन पदों पर नियुक्ति चीफ जस्टिस,पीएम और विपक्ष के नेता वाली कमेटी द्वारा की जाएं, लेकिन सरकार ने क़ानून लाकर इस नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका को खत्म कर दिया था. 

Written by My Lord Team |Published : December 3, 2024 4:55 PM IST

चीफ जस्टिस (CJI) संजीव खन्ना ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और चुनाव आयुक्तों (EC) के चयन के लिए गठित समिति से सीजेआई को बाहर रखने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई से मंगलवार को स्वयं को अलग कर लिया है.  मामले की सुनवाई की शुरुआत में जस्टिस संजय कुमार के साथ पीठ में शामिल रहे प्रधान न्यायाधीश ने जनहित याचिका दायर करने वालों के वकीलों से कहा कि वह याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते. पिछले साल 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को पारदर्शी बनाने के लिए आदेश दिया था कि इन पदों पर नियुक्ति चीफ जस्टिस,पीएम और विपक्ष के नेता वाली कमेटी द्वारा की जाएं, लेकिन सरकार ने क़ानून लाकर इस नियुक्ति में चीफ जस्टिस की भूमिका को खत्म कर दिया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली पिछली पीठ ने मामले में अंतरिम आदेश पारित किए थे. न्यायमूर्ति खन्ना ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने के बाद 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है. जस्टिस खन्ना ने कहा कि अब ये मामले शीतकालीन अवकाश के बाद किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाएंगे.

प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र और अन्य को इस बीच जनहित याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को कहा है. एक गैर सरकारी संगठन सहित कई लोगों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) और निर्वाचन आयुक्तों (EC) की चयन समिति से सीजेआई को बाहर रखने का प्रावधान करने वाली मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त अधिनियम, 2023 की धारा सात की वैधता को चुनौती देते हुए इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.

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