लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि प्रभावी न्यायिक प्रणाली विकसित भारत का मूल आधार है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार और न्यायपालिका दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है. स्पीकर शनिवार को जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने याद किया कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने कई प्रतिष्ठित न्यायाधीशों और प्रख्यात अधिवक्ताओं को जन्म दिया है, जिन्होंने कानून और न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक 75 साल की यात्रा में न्यायालय के निर्णयों से राष्ट्र और राज्य को लाभ हुआ है. उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस अवधि के दौरान सभी लोगों के हितों की रक्षा और उन्हें मजबूत किया गया है. आम जनता के लिए सुलभ, किफायती और त्वरित न्याय की आवश्यकता पर जोर देते हुए, अध्यक्ष ने कहा कि इस दिशा में न्यायालयों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सरकार ने न्यायिक प्रणाली पर अत्यधिक बोझ को कम करने के लिए कई वैधानिक बदलाव किए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यायपालिका भी इस दिशा में समान भूमिका निभाएगी. उन्होंने लंबित मामलों के निपटारे और न्याय प्रणाली की कमियों को दूर करने के लिए नई तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि राजस्थान उच्च न्यायालय में हो रहे नवाचार देश भर में न्यायिक पहलों को प्रेरणा और दिशा प्रदान करेंगे. उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि राज्य के सभी अंगों के सामूहिक प्रयासों से भारतीय लोकतंत्र अपनी 75 साल की यात्रा में और अधिक मजबूत हुआ है. उन्होंने याद दिलाया कि संविधान निर्माताओं ने राज्य के तीनों अंगों- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच जिम्मेदारियों और कार्यों को विभाजित किया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि तीनों अंग एक साथ और स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से काम करें. उन्होंने कहा कि तीनों अंगों द्वारा प्रौद्योगिकी के उपयोग से लोगों के जीवन को आसान, सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकता है.
Rajasthan | Lok Sabha Speaker Om Birla today addressed the programme in Jodhpur organised to mark the completion of 75 years of establishment of Rajasthan High Court.
(Source: Om Birla's social media) pic.twitter.com/eGCeaOr4zD — ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 27, 2024
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य का जिक्र करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि देश के प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक संस्था को इस महायज्ञ में अपना पूर्ण योगदान देना होगा. उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. बिरला ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पिछले एक दशक में सरकार ने 'जीवन को सुगम बनाने' की दिशा में निरंतर काम किया है. उन्होंने कहा कि आम आदमी के जीवन को सुगम, सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए हैं. उन्होंने न्याय की सुगमता को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया और इस बात पर जोर दिया कि इस दिशा में न्यायपालिका की बड़ी भूमिका है. विकसित भारत के इस संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रभावी न्याय प्रणाली को बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि सरल, सुलभ और त्वरित न्याय इसके तीन मुख्य स्तंभ हैं और सभी हितधारकों को इस दिशा में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए.
बिरला ने संसद द्वारा पुराने कानूनों के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, न्याय संहिता और साक्ष्य अधिनियम पारित किए जाने को देश की न्याय व्यवस्था के लिए एक नए युग की शुरुआत बताया. उन्होंने न्यायालयों और अधिवक्ताओं से इन तीनों नए कानूनों का अध्ययन करने और इनका अधिकतम लाभ जनता को उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करने पर जोर दिया. समानता, न्याय और स्वतंत्रता को संविधान की मूल भावना बताते हुए उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय न्यायपालिका ने इन मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा के लिए निरंतर कार्य किया है. लोकतंत्र को सशक्त बनाने और जनता का विश्वास बढ़ाने में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। निष्पक्ष चुनाव आयोग में जनता के विश्वास और चुनावों में लोगों की भागीदारी को भारतीय लोकतंत्र की एक बड़ी ताकत बताते हुए बिरला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में 65 करोड़ लोगों ने भाग लिया, जिसने पूरी दुनिया को चकित कर दिया। उन्होंने इसे दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक बताया.