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पंजाबी लेन निवासी स्थानांतरण पर सैद्धांतिक रूप से सहमत: मेघालय सरकार ने हाई कोर्ट को बताया

सरकार ने पंजाबी लेन के निवासी 342 परिवारों में से प्रत्येक को यूरोपियन वार्ड में 200 वर्ग मीटर जमीन मुहैया कराने के साथ ही उनके मकानों के निर्माण का खर्च वहन करने की हरिजन पंचायत समिति की मांग को खारिज कर दिया था.

Written by My Lord Team |Published : June 9, 2023 10:12 AM IST

शिलॉन्ग: मेघालय सरकार ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि शिलॉन्ग में पंजाबी लेन के निवासियों ने करीब 342 परिवारों को स्थानांतरित करने की राज्य सरकार की योजना को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया है.

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सरकार ने पंजाबी लेन के निवासी 342 परिवारों में से प्रत्येक को यूरोपियन वार्ड में 200 वर्ग मीटर जमीन मुहैया कराने के साथ ही उनके मकानों के निर्माण का खर्च वहन करने की हरिजन पंचायत समिति की मांग को खारिज कर दिया था.

इसके बाद सरकार एक योजना लेकर आई थी. मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डेंगदोह की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘वरिष्ठ महाधिवक्ता की रिपोर्ट से पता चला कि हरिजन पंचायत समिति के वकील ने सरकार द्वारा तैयार योजना पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में संशोधन के लिए कुछ सुझाव दिए हैं.’’

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तीन हफ्ते बाद सुनवाई

पीठ ने कहा, ‘‘चूंकि राज्य संशोधन के सुझावों पर विचार कर रहा है, इसलिए मामले में तीन सप्ताह बाद सुनवाई होगी. उम्मीद है कि दोनों पक्षकार अब इस लंबित मुद्दे को सुलझा लेंगे.’’ मामले पर अगली सुनवाई तीन जुलाई, 2023 को होगी.

मई 2018 में शिलॉन्ग की पंजाबी लेन में खासी जनजाति के लोगों और वहां रहने वाले सिखों के बीच झड़पें हुई थीं. झड़पों के बाद शिलॉन्ग नगर बोर्ड ने पंजाबी लेन के वैध निवासियों की पहचान करने की कवायद शुरू की थी.

शिलॉन्ग नगर निगम बोर्ड द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार कुल 184 परिवारों की वैध निवासी के तौर पर पहचान की गई है.