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न्याय हमेशा सरल होता है, प्रक्रिया कभी-कभी जटिल: पीएम मोदी ने राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह में कहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राजस्थान हाईकोर्ट

Rajasthan High Court Platinum Jubilee: PM Narendra Modi ने रविवार को कहा कि न्याय सरल तो होता है, लेकिन प्रक्रिया जटिल हो सकती है और इसे सरल बनाना हमारा काम है.

Written by My Lord Team |Updated : August 26, 2024 8:46 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि न्याय सरल तो होता है, लेकिन प्रक्रिया जटिल हो सकती है और इसे सरल बनाना हमारा काम है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि देश ने न्याय को स्पष्ट बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक (भारतीय न्याय संहिता का जिक्र करते हुए) और निर्णायक कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान उच्च न्यायालय के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी न्यायविदों और राजस्थान के लोगों को बधाई दी. यह हमारे संविधान की आगामी 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मुझे राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह में आप सभी के बीच आने का अवसर मिला. राजस्थान उच्च न्यायालय ने ऐसे समय में 75 वर्ष पूरे किए हैं, जब हमारा संविधान भी 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है. यह कई महान लोगों की निष्ठा और योगदान का जश्न मनाने का भी क्षण है. यह संविधान के प्रति हमारी आस्था का भी उदाहरण है. मैं इस अवसर पर आप सभी न्यायविदों और राजस्थान की जनता को बधाई देता हूं.

जोधपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा मानना ​​है कि न्याय हमेशा सरल और स्पष्ट होता है, लेकिन कभी-कभी प्रक्रिया इसे कठिन बना देती है. न्याय को यथासंभव सरल और स्पष्ट बनाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और मुझे संतोष है कि देश ने इस दिशा में कई ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाए हैं.

पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि आजादी के दशकों बाद देश ने पुराने औपनिवेशिक कानूनों को भारतीय न्याय संहिता से बदल दिया.

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"हमने सैकड़ों औपनिवेशिक कानूनों को समाप्त कर दिया है जो पूरी तरह अप्रासंगिक हो गए थे. आजादी के इतने दशकों बाद गुलामी की मानसिकता से उभरकर देश ने भारतीय न्याय संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता को अपनाया है."

पीएम मोदी ने कहा,

"भारतीय न्याय संहिता हमारे लोकतंत्र को औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त करती है. भारतीय न्याय संहिता की मूल भावना यथासंभव प्रभावी बने, यह जिम्मेदारी अब हम सभी के सामने है."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा देश तेजी से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और उन्होंने नए भारत के साथ तालमेल बिठाने और अपनी प्रणालियों को आधुनिक बनाने के लिए नवाचार के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने सभी के लिए न्याय के महत्व और हमारी न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया.

उन्होंने कहा कि एक दशक में हमारा देश तेजी से बदला है. हम दस साल पहले 10वें स्थान से उठकर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं. आज देश के सपने बड़े हैं, देशवासियों की आकांक्षाएं बड़ी हैं. जरूरी है कि हम नए भारत के हिसाब से नए इनोवेशन करें और अपनी व्यवस्थाओं को आधुनिक बनाएं. इसके लिए 'जस्टिस फॉर ऑल' भी उतना ही जरूरी है. हम देख रहे हैं कि तकनीक हमारी न्याय व्यवस्था में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.