Patanjali Soan Papdi: हाल ही में पतंजलि अपने आयुर्वेदिक उत्पादों को लेकर विवादों में घिरा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी पतंजलि विज्ञापन विवाद मामले में कंपनी के दोनों संस्थापकों, बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण को फटकार लगाई. ऐसे में पतंजलि की सोन पापड़ी का क्वालिटी टेस्ट में फेल होने पर उत्तराखंड कोर्ट ने कंपनी के अधिकारी समेत तीन को जेल भेजा है. अदालत ने आरोपियों को 6 महीने जेल की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया है.
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट संजय सिंह की अदालत ने सोन पापड़ी के सैंपल का क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के मामले की सुनवाई की. उत्तराखंड के पिथौरागढ़ की जिला अदालत ने आरोपियों को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 59 के अंतर्गत सजा दी.
अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के तृतीय यूनिट हर्बल पार्क लक्सर के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार को 25 हजार रूपये जुर्माना लगाया है. वही दुकानदार लीलाधर पाठक को 5 हजार रूपये और कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर के असिस्टेंट मैनेजर को 10 हजार रूपये का जुर्माना भरने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने स्पष्ट किया कि अगर आरोपी इन राशि को भरने में असफल रहते हैं तो उन्हें अतिरिक्त 7 दिन से लेकर 6 माह तक के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई जाएगी.
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के सेक्शन 59 में क्या है?
अधिनियम के सेक्शन 59 (iv) के अनुसार, कानून के अनुसार, जो व्यक्ति, नहीं खाने योग्य पदार्थ की बिक्री, भंडारण या वितरित करता है, तथा जिसे खाने से मौत हो सकती है, आरोप साबित होने पर करीब दस लाख रूपये का जुर्माना और अधिकतम सात जेल की सजा हो सकती है.
17 दिसंबर 2019 की घटना है. जिले में खाद्य सुरक्षा अधिकारी जांच कर रहे थे. इसी क्रम में जांच अधिकारी लीलाधर पाठक की दुकान से पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी की मांग की और पतंजलि सोन पापड़ी के सैंपल को जांच के लिए रूद्रपुर लैब में भेजा. रिपोर्ट आई, सैंपल के लिए भेजी गई सोन पापड़ी क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने दुकानदार लीलाधर पाठक, वितरक अजय जोशी और पतंजलि के असिस्टेंट मैनेजर अभिषेक कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया. अब जिला अदालत ने तीनों को जेल भेजते हुए जुर्माना भी लगाया है.