Advertisement

Outraging modesty case: Gauhati High Court से कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी को बड़ा झटका, अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Gauhati High Court ने श्रीनिवास बीवी केा अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज करने के साथ ही उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी रद्द करने से इंकार कर दिया है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : May 5, 2023 4:36 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी को अपनी ही पार्टी की सदस्य और असम यूथ कांग्रेस की पदाधिकारी द्वारा कथित रूप से अपमान करने के मामले में अब Gauhati High Court से भी बड़ा झटका लगा है.

Gauhati High Court ने श्रीनिवास बीवी केा अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज करने के साथ ही उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी रद्द करने से इंकार कर दिया है.

जस्टिस अजीत बोरठाकुर ने याचिक को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा कहे गए शब्द प्रथम दृष्टया उन अपराधों का गठन करते हैं जो स्पष्ट रूप से आईपीसी की धारा 352, 354 और 354A (1) के प्रावधानों के तहत दर्शाये गए है.

Also Read

More News

राजनैतिक प्रतिशोध का जरिया

कांग्रेस नेता और याचिकाकर्ता श्रीनिवास बीवी ने याचिका दायर कर एफआईआर को केवल राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दर्ज करना बताया है.

याचिका के जरिए कांग्रेस नेता ने शिकायतकर्ता महिला की शिकायत पर दिसपुर पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिसों पर रोक लगाने की गयी है, जिसके जरिए शिकायत की जांच कर रहे अधिकारियों के सामने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है.

याचिका में कांग्रेस नेता की ओर से कहा गया कि शिकायतकर्ता ने व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वार्थों को पूर्ण करने के लिए उन पर यह आरोप लगाया गया है.

हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता की इस दलील को खारिज कर दिया कि पीड़ित की शिकायत व्यक्तिगत और राजनीतिक स्वार्थों को पूर्ण करने के लिए दायर की गयी है.

अपराधों की प्रकृति खिलाफ

पीठ ने अपने आदेश में कहा केस डायरी में ऐसा कोई संकेत नहीं है कि एफआईआर राजनीति से प्रेरित है और झूठी और मनगढ़ंत कहानी पर आधारित है.

पीठ ने कहा कि एफआईआर में प्रकट किए गए अपराधों की प्रकृति समाज के खिलाफ अपराध है जो मूल रूप से महिला के शील भंग से संबंधित है, इसलिए, जांच के वर्तमान चरण में अदालत आरोपों की सत्यता या सत्यता की जांच नहीं कर सकती.

मामले में देरी से एफआईआर दर्ज करने और कांग्रेस नेता द्वारा मानहानि का मामला दर्ज कराए जाने के बिंदू पर पीठ ने कहा कि यह राजनैतिक दल का आंतरिक मामला है और जांच का विषय नहीं है.