हमारे देश में लगभग 40 से 45% गेमर्स महिलाएं हैं और इसलिए गेमिंग इकोसिस्टम को सुरक्षित रखने की मांग और भी ज्यादा बढ़ गई. एक अनुमान के अनुसार भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व वर्ष 2025 में 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
दुनियाभर में जहां यह उद्योग कम विकास गति से बढ़ा है, जबकि हमारे देश में वर्ष 2017-2020 के बीच 38% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (Compound Annual Growth Rate- CAGR) से बढ़ा, जबकि इसी अवधि के दौरान चीन में यह 8% और अमेरिका में 10% था.
VC फर्म सिकोइया और प्रबंधन परामर्श कंपनी BCG की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 तक राजस्व में 153 अरब रुपए तक पहुँचने के लिये 15% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है.
गेमिंग के जरिए कई बार हिंसक और अश्लील गेम भी बच्चो के बीच आने लगे. बच्चों पर होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने के लिए देशभर से ऑनलाइन गेमिंग को नियमित करने की मांग उठी. जिसके चलते केन्द्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय [Ministry of Electronics and Information Technology- (MeitY)] ने इन मांगों को संज्ञान में लेते हुए, 3 जनवरी 2023 को ऑनलाइन गेमिंग को नियमित करने हेतु कुछ नियम प्रस्तावित किए हैं.
केन्द्र सरकार ने 2 जनवरी 2023 को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया. इस ड्राफ्ट के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नए सूचना प्रौद्योगिकी IT Act नियमों के तहत लाया जाएगा। ये नियम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए वर्ष 2021 में जारी किए गए थे.
सभी ऑनलाइन गेम और ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए नियम बनाए जाएंगे, इन नियमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR) और मेटावर्स को भी शामिल किया जाएगा.
ड्राफ्ट में खासतौर से महिलाओं और बच्चों के लिए ऑनलाइन गेमिंग को सुरक्षित बनाने की भी कही गई है.इन प्रस्तावित नियमों को आईटी नियम, 2021 के एक संशोधन के रूप में लागू किया जाएगा.
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य है कि ऑनलाइन गेम्स (Online Games) भारत के कानूनों के अनुरूप हों और इनके उपयोगकर्ताओं (Users) के हितों की रक्षा की जा सके.
इन नियमों के अनुसार ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए भारत में लागू कानूनों का अनुपालन जरूरी होगा और जुआ या सट्टेबाजी से संबंधित किसी भी भारतीय कानून का पालन करना अनिवार्य होगा. यानी ऑनलाइन गेमिंग में सट्टेबाजी पर पूर्णतया रोक होगी.
केन्द्र सरकार के Ministry of Electronics and Information Technology ने ड्राफ्ट नियमों पर सभी पक्षों से 17 जनवरी तक राय और सुझाव मांगे है.कुछ संशोधनों के बाद सरकार फरवरी माह में इसे लागू कर सकती है.
हर गेमिंग कंपनी/प्लेटफार्म को MeitY की मान्यता प्राप्त स्व-नियामक संस्था के साथ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. यानी जिस तरह से देश में किसी भी फिल्म के प्रदर्शन से पूर्व सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र लेना होता है वैसे ही किसी भी प्लेटफार्म (Platform) पर गेम को प्रकाशित करने से पहले, गेमिंग कंपनी को स्व-नियामक संस्था से उस गेम को सत्यापित Verify करवाना होगा.
स्व-नियामक संस्था को उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गेमिंग कंपनी/प्लेटफार्म को सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी करने का दायित्व सौंपा गया है.
गेमिंग प्लेटफॉर्म को अपने प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध गेम्स के संबंध में उपयोगकर्ताओं को पूरी जानकारी पारदर्शिता (Transparency) से देनी होगी। गेमिंग प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं को सत्यापित करना होगा और उन्हें सेवा की शर्तों से भी अवगत कराना होगा।
इसी के साथ गेमिंग प्लेटफॉर्म को जीतने की उम्मीद के साथ जमा की गई राशि या वस्तु के निकासी (Withdrawal) या वापसी (Refund) से संबंधित नीति (Policy), जीत को निर्धारित करने का तरीका और पुरस्कार राशि या वस्तु के वितरण का तरीका, और ऐसे प्रत्येक ऑनलाइन गेम के लिए उपयोगकर्ता द्वारा देय शुल्क और अन्य शुल्क के संबंध में सभी जानकारी उपयोगकर्ता को देना अनिवार्य किया गया है.
प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं को खेल से जुड़े वित्तीय नुकसान और लत (Addiction) के जोखिम के बारे में भी बताना होगा. साथ-ही-साथ गेमिंग कंपनियों को एक वरिष्ठ कर्मचारी को अनुपालन अधिकारी (Compliance Officer) के रूप में नियुक्त करना होगा, जो सरकार द्वारा पारित किए गए दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा.
गेमिंग प्लेटफॉर्म को शिकायतों की प्राप्ति और समाधान के लिए एक उपयुक्त तरीका भी विकसित करना होगा. तो इन नियमों के जरिए सरकार गेमिंग कंपनियों को नियमित करने का प्रयास कर रही है.यह नियम उपयोगकर्ताओं के नज़रिए से बहुत महत्वपूर्ण हैं और उनके हितों की रक्षा करने की दिशा में अहम कदम उठाते हैं। इसके साथ-साथ, यह प्रस्तावित नियम गेमिंग कंपनियों/प्लेटफॉर्म की जवाबदेही भी सुनिश्चित करते हैं.