हाल ही में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा है कि ग्राम पंचायतों को मोटर वाहनों पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है. अदालत ने इस मुद्दे पर जबलपुर जिले के हरगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है (Gram Panchyat Have No Rights To Tax On Motor Vehicle). अदालत ने सितंबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाया था और कल 10 सितंबर को इसका फैसला सार्वजनिक किया गया था. बता दें कि ये मामला ग्राम पंचायत हरगढ़ द्वारा वाहनों की आवाजाही पर टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगाने को लेकर सिहोरा जनपद पंचायत के सीईओ ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल धगत ने कहा कि मोटर द्वारा संचालित सभी वाहन 'मोटर वाहन' की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं, और ग्राम पंचायत को मोटर वाहनों पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है.
याचिकाकर्ता (हरगढ़ ग्राम पंचायत) की तरफ से दावा किया गया कि मध्यप्रदेश की धारा 77-ए(2) के अंतर्गत अनुसूची-2 के प्रावधान के अनुसार टैक्स लगाया गया है. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है. पंचायत द्वारा कोई अवैध टोल या टैक्स नहीं लिया गया है. अदालत ने इस द
औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ की ग्राम पंचायत ने राज्य राजस्व विभाग द्वारा भेजे गए एक पत्र को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसमें पंचायत द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में वाहनों से वाणिज्यिक कर वसूलने पर आपत्ति जताई गई थी। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार ने याचिका की विचारणीयता का विरोध किया। सरकारी वकील ने कहा कि सरपंच को याचिका दायर करने के लिए अधिकृत करने वाला कानून के अनुसार कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया था, क्योंकि उक्त प्रस्ताव में पंचायत सदस्यों के नाम और हस्ताक्षर नहीं है.