प्रयागराज (उप्र): उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है. शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम पर पुलिस पहले ही 5-5 लाख रुपये का इनाम रख चुकी है. प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या के बाद मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और शूटर गुड्डू मुस्लिम की तलाश पिछले 78 दिनों से जारी है.
चूकि दोनों आरोपी अब तक पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहे हैं, लुकआउट नोटिस आरोपियों को विदेश यात्रा करने से रोकेगा.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोपीयों के विवरण और तस्वीरें सभी हवाई अड्डों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर भेज दिया है.
यहां समझते हैं कि लुकआउट नोटिस क्या है और यह किस तरह से आरोपीयों की विदेश भागने की कोशिश को नाकामयाब बनाएगा.
Look Out Circular (LOC) को लुक आउट नोटिस के नाम से भी जाना जाता है. यह नोटिस तब जारी कि जाती है जब किसी केस में वांछित व्यक्ति (चाहे वह संदिग्ध/अपराधी हो) को देश छोड़कर बाहर जाने से रोका जाए . इस नोटिस के जारी होने के बाद आरोपित के देश छोड़कर जाने पर पाबंदी लग जाती है.
लुक आउट नोटिस का इस्तेमाल इंटरनेशनल बॉर्डर जैसे- एयरपोर्ट, समुद्री क्षेत्र और बंदरगाहों पर इमिग्रेशन जांच के लिए किया जाता है. इस नोटिस जारी होने का मतलब है कि इमिग्रेशन अफसर ऐसे व्यक्ति को एयरपोर्ट पर रोक सकते हैं या सम्बंधित व्यक्ति को गिरफ्तार भी कर सकते हैं.
इस नोटिस के तहत गृह मंत्रालय या अन्य आधिकारिक सरकारी एजेंसियों के द्वारा अधिकारियों को एक प्रकार का दिशा निर्देश दिया जाता है. लुक आउट नोटिस को ऑथोराइज्ड ऑफिसर ही जारी कर सकते हैं. आपको बता दें कि डिप्टी सेक्रेटरी से नीचे का अफसर इसे जारी नहीं कर सकता.
राज्यों में जॉइंट सेक्रेटरी से पद के नीचे का अधिकारी इसे नहीं जारी कर सकता है. किसी जिले का कलेक्टर या SP, CBI या ED जैसी जांच एजेंसी या फिर सिक्योरिटी एजेंसियों के डेजिग्नेटेड ऑफिसर के साथ ही इंटरपोल के डेजिग्नेटेड अफसर इसे जारी कर सकते हैं.