Punjab And Haryana High Court: गुरूवार के दिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब राज्य से कहा कि पुलिस हिरासत में होने के बावजूद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को इंटरव्यू देने में मदद करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी और उम्मीद है कि ये कार्रवाई केवल निचले स्तर के अधिकारियों तक ही सीमित न होकर उच्च अधिकारियों पर भी की जाएगी.
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने पंजाब सरकार द्वारा दलील दिये जाने के बाद यह बात कही. राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि मामले में अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू जा रही है.
अदालत ने कहा,
“हमें उम्मीद और भरोसा है कि कार्रवाई केवल निचले स्तर के अधिकारियों तक ही सीमित ना होकर बल्कि संबंधित उच्च अधिकारियों पर भी की जाएगी, जिनके पास सीआईए स्टाफ, खरड़ पर पर्यवेक्षी क्षेत्राधिकार था. इन अधिकारियों में तत्कालीन एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) भी शामिल हैं, जो इंटरव्यू किए जाने के समय जिला पुलिस प्रमुख थे.”
पंजाब पुलिस की एक विशेष जांच टीम ने जुलाई में उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में पाया कि बिश्नोई का इंटरव्यू तब लिया गया जब गैंगस्टर मोहाली के खरड़ जेल में था जबकि दूसरा साक्षात्कार राजस्थान में लिया गया था.
यह साक्षात्कार सीआईए (अपराध जांच एजेंसी) स्टाफ के परिसर में किया गया, जो पंजाब के मोहाली के एसएएस नगर के अधिकार क्षेत्र में आता है. उच्च न्यायालय के निर्देश पर पंजाब पुलिस ने बिश्नोई के इंटरव्यू के संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज कीं. ये इंटरव्यू पिछले साल एक निजी समाचार चैनल द्वारा प्रसारित किये गये थे.
पंजाब के एडवोकेट जनरल (AG) ने बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सीआईए स्टाफ के प्रभारी अधिकारियों के साथ-साथ पर्यवेक्षी अधिकारियों के खिलाफ कानून के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. बता दें कि बिश्नोई वर्ष 2022 में गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के आरोपियों में से एक है.