राउज ऐवन्यू कोर्ट में जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की सुनवाई टल गई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 17 जनवरी को निर्धारित की गई है. मामले की कार्यवाही में अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. इस मामले में पूर्व रेलमंत्री लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है. मामले की सुनवाई मनी लांड्रिंग के आरोपों पर केंद्रित है.
जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में CBI की ओर से दर्ज केस में भी राउज ऐवन्यू कोर्ट में सुनवाई 16 जनवरी के लिए टल गई है. केन्द्रीय जांच अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कोर्ट को बताया कि अभी मामले में कुछ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए ज़रूरी मंजूरी (SANCTION) मिलना बाकी है.
इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दिया. अदालत द्वारा पहले जारी किए गए समन के अनुपालन के तहत आरोपी उसके समक्ष पेश हुए. जज ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र (Supplementary Chargesheet) पर संज्ञान लेने के बाद समन जारी किए थे. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट (Final Chargesheet) दायर की थी.
यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए जमीन के बदले रेलवे में की गई नियुक्तियों से संबंधित है. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि रेलवे में नियुक्तियां भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए की गई हैं. सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और मीसा भारती को इस मामले में जमानत दी है.
ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपना मामला दायर किया है. जांच एजेंसी के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य जोन में ग्रुप-डी में हुई भर्तियों से जुड़ा है. जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि रेलवे में भर्ती होने वाले लोगों ने नौकरी के बदले लालू के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को उपहार स्वरूप जमीन दी थी.