केरल पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बलात्कार के एक मामले में मलयालम फिल्म अभिनेता सिद्दीकी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दिए जाने से उनका हौसला बढ़ा है और इससे न केवल पीड़िता का बल्कि फिल्म उद्योग के अन्य लोगों का भी मनोबल गिरा है और वे भयभीत हैं. केरल पुलिस ने कहा कि याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने आरोपी को और प्रोत्साहित किया है और जमानत मामले की पहली सुनवाई के दिन अभिनेता के प्रशंसकों ने मिठाई बांटकर इसका जश्न भी मनाया. इस जश्न का न सिर्फ बुरा असर पड़ा बल्कि यह गंभीर अपराध के आरोप का सामना कर रहे आरोपी के खिलाफ जारी कानूनी कार्यवाही की गंभीरता को लेकर एक भद्दा मजाक भी है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को अभिनेता को मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान कर जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.
पुलिस ने 19 अक्टूबर को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा कि जांच प्रारंभिक चरण में है, लेकिन अभिनेता के खिलाफ ‘कई सबूत’ हैं. सिद्दीकी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए केरल पुलिस ने कहा कि लोग उसे इतिहास में नायक के रूप में जानें और आने वाली पीढ़ियां उसे अनुकरणीय समझें, उससे पहले यह आवश्यक है कि उसकी सच्चाई को उजागर किया जाए और झूठ का पर्दाफाश किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को अभिनेता को मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान कर जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था. पुलिस ने कहा कि 350 से अधिक मलयालम फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता ‘मामले को कमजोर करने के लिए अतिरिक्त समय तक काम करके’ जांच को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे. तिरुवनंतपुरम शहर के सहायक पुलिस आयुक्त अजीचंद्रन नायर द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि इससे न केवल पीड़िता, बल्कि अग्रिम जमानत की सुनवाई की कार्यवाही के परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे फिल्म उद्योग के अन्य कमजोर वर्ग बुरी तरह से हतोत्साहित और भयभीत हैं.
पुलिस ने कहा कि जस्टिस हेमा आयोग की रिपोर्ट के बाद जो गवाह खुलकर सामने आ रहे हैं, वे अब आरोपी को अनंत समय तक अंतरिम राहत से अपना पैर पीछे खींच लेंगे. अभिनेता पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि घटनाओं के क्रम को उजागर करने और पीड़िता से संपर्क साधने में इस्तेमाल किए गए डिजिटल उपकरणों की बरामदगी के लिए उनकी हिरासत आवश्यक है. पुलिस ने कहा कि सिद्दीकी समाज में एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं और वह न्याय की प्रक्रिया में बाधा डालने तथा जांच तंत्र को बाधित करने की क्षमता रखते हैं. सिद्दीकी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध का मामला दर्ज किया गया था. अभिनेता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि शिकायतकर्ता महिला ने उन्हें ‘‘2019 से उत्पीड़न और झूठे आरोपों के लंबे अभियान’’ के तहत फंसाने के इरादे से ये आरोप लगाए थे.
जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट में हुए खुलासे के मद्देनजर विभिन्न निर्देशकों और अभिनेताओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद कई हाई-प्रोफाइल मलयालम फिल्म हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. केरल सरकार ने 2017 में अभिनेत्री पर हमला मामले के बाद इस समिति का गठन किया था और इसकी रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामले सामने आए हैं.