हाल ही में केरल हाई कोर्ट में एक जमानत याचिका सुनवाई के लिए आई. यह जमानत याचिका 91 वर्षीय थेवन ने दाखिल किया था. थेवन पर अपनी पत्नी के साथ हाथा पाई करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. अब केरल हाई कोर्ट ने थेवन को जमानत देते हुए कहा कि उम्र बढ़ने के साथ प्यार की रोशनी नहीं कम होती, बल्कि यह और भी चमकीला हो जाता है. दांपत्य जीवन में एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान बनाए रखना आवश्यक है. थेवेन और कुंजाली को यह समझना चाहिए कि उनके संबंध की ताकत उनके प्यार में निहित है. अदालत ने थेवन और कुंजली के बुढ़ापे में साथ रहने और आपसी समझदारी से जीवन बिताने पर जोर दिया.
मामले में 91 वर्षीय थेवन ने अपनी 88 वर्षीय पत्नी कुंजली पर चाकू से हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं. थेवन की पत्नी कुंजली ने उन पर अन्य महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप लगाया था, जिससे वे परेशान होकर उन्होंने अपनी पत्नी पर हमला कर दिया. इसे लेकर थेवन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 118(1) और 109(1) के तहत FIR दर्ज की गई है. थेवन को 21 मार्च, 2025 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में थे.
राहत देते हुए केरल हाई कोर्ट ने थेवन और कुंजली से अपनी उम्र में एक-दूसरे का साथ देने का आग्रह किया है. अदालत ने कहा है कि बुढ़ापे में जीवनसाथी एक-दूसरे की ताकत होते हैं. अदालत ने जोर देकर कहा कि दांपत्य जीवन की वास्तविकता यह है कि यह हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन एक-दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान से ही इसे सफल बनाया जा सकता है. दोनों को चाहिए कि वे अपने मतभेदों को स्वीकार करें और एक-दूसरे के साथ खुशी से जीवन बिताएं.
जस्टिस ने कहा कि इस घटना को देखकर मुझे 'सफलमी यात्रा' में एनएन कक्कड़ की पंक्तियां याद आती हैं, यह कविता उन्होंने अपने अंतिम दिनों में लिखी थी और यह उनके प्रेम को दर्शाता है, जो कि इस प्रकार है
"जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, एक-दूसरे के लिए हमारा प्यार और गहरा होता जाता है."
जस्टिस ने कहा कि थेवन को याद रखना चाहिए कि बुढ़ापे में केवल उसकी पत्नी ही उसका साथ देगी. थेवन और कुंजली अपनी जिंदगी की पारी खुशी से पूरी करें. उनके खुशहाल जीवन के लिए याचिकाकर्ता थेवन को जमानत पर रिहा किया जा सकता है. इस न्यायालय को उम्मीद है कि थेवन कुंजली का ख्याल रखेगा और कुंजली थेवन का ख्याल रखेगी. केरल हाई कोर्ट ने थेवन को 50,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो ज़मानतदारों के साथ जमानत पर रिहा करने आदेश सुनाया, साथ ही उन्हें जांच अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होने के आदेश दिए.