कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने राज्य सरकार से शहर के अर्कावती नक्शे में 541 एकड़ भूमि की कथित अवैध अधिसूचना रद्द करने के संबंध में केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट मांगी है.
राजभवन के एक सूत्र ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, “राज्यपाल ने मुख्य सचिव शालिनी रजनीश को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। राज्य सरकार की ओर से अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है.”
उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच.एस. केम्पन्ना की अध्यक्षता में आयोग का गठन 2014 में सिद्धरमैया के पहले कार्यकाल के दौरान किया गया था, जब वह 2013 से 2018 तक मुख्यमंत्री थे. इसका उद्देश्य लोगों की शिकायत के बाद उत्तरी बेंगलुरु में नक्शा बनाने के लिए बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) द्वारा अधिग्रहित भूमि की अधिसूचना रद्द करने में अवैधताओं की जांच करना था.
आयोग ने 2017 में सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के अंत से पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. कुछ भाजपा नेताओं ने हालांकि इसे सार्वजनिक करने की मांग की थी, लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है.
सूत्र ने कहा, “कुछ लोगों ने राज्यपाल से शिकायत की, जिसके बाद विस्तृत जानकारी मांगी गई। हम राज्य सरकार के जवाब का इंतजार कर रहे हैं,”
यह नया पत्र मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित प्रतिपूरक स्थल आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ जांच की मंजूरी देने के गहलोत द्वारा दिए गए आदेश के तुरंत बाद आया है.
कोप्पल में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी सरकार केम्पन्ना आयोग की रिपोर्ट मांगने वाले राज्यपाल के पत्र पर गौर करेगी.
उन्होंने कहा, “यदि राज्यपाल ने अर्कावती नक्शे के बारे में लिखा है तो राज्य सरकार इस पर गौर करेगी.”
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने पत्र देखा है, सिद्धरमैया ने कहा कि उन्होंने मीडिया में आई खबरों को पढ़ा हैं.