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रिश्वत मांगने के आरोप में धनंजय निकम के खिलाफ FIR, राहत की मांग को लेकर पहुंचे बॉम्बे हाईकोर्ट, 15 जनवरी को होगी सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एनआर बोरकर की एकल पीठ ने बुधवार को कहा कि वह 15 जनवरी को अपने कक्ष में याचिका पर सुनवाई करेगी क्योंकि इसमें एक न्यायिक अधिकारी संलिप्त है.

जज धनंजय निकम और बॉम्बे हाईकोर्ट

Written by Satyam Kumar |Published : January 9, 2025 5:34 PM IST

महाराष्ट्र की एक सत्र अदालत के जज धनंजय निकम ने रिश्वतखोरी के आरोपों के खिलाफ अग्रिम जमानत के लिए बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है. जज पर आरोप है कि उन्होंने एक धोखाधड़ी मामले में जमानत देने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी है. याचिका पर संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी के दिन तय की है. बता दें कि जज के खिलाफ यह मामला राज्य के भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज किया गया है.

अंतरिम जमानत याचिका पर 15 जनवरी के दिन सुनवाई

बंबई हाईकोर्ट के जस्टिस एनआर बोरकर ने इस मामले की सुनवाई की तारीख 15 जनवरी निर्धारित की है. हाईकोर्ट के जस्टिस एनआर बोरकर की एकल पीठ ने बुधवार को कहा कि वह 15 जनवरी को अपने कक्ष में याचिका पर सुनवाई करेगी क्योंकि इसमें एक न्यायिक अधिकारी संलिप्त है.

अधिवक्ता वीरेश पुरवंत के माध्यम से जज निकम ने याचिका दायर की है. निकम ने अपनी याचिका में कहा है कि वह पूरी तरह से निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में फंसाया गया है. याचिका में यह भी कहा गया है कि प्राथमिकी में उनके सीधे तौर पर रिश्वत मांगने या लेने का कोई उल्लेख नहीं है. याचिका में यह भी दलील दी गई है कि निकम को शिकायतकर्ता और अन्य आरोपियों के बीच किसी भी प्रकार की मुलाकात की जानकारी नहीं थी. याचिका में दावा किया गया कि निकम प्रमुख तिथियों पर छुट्टी या प्रतिनियुक्ति पर थे, जिससे आरोपों पर संदेह पैदा होता है. वहीं, एसीबी ने आरोप लगाया है कि निकम ने दो अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर महिला से रिश्वत मांगी.

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महिला ने अपने पिता की जमानत के लिए आवेदन किया था, जो सरकारी नौकरी के झांसे में धोखाधड़ी के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं. अधीनस्थ अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद महिला ने सतारा सत्र अदालत में नई याचिका दायर की थी.

क्या है मामला?

एक महिला द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, उनके पिता सरकारी नौकरी का झांसा देखकर धोखाधड़ी करने के आरोप में न्यायिक हिरासत में हैं. उनके पिता सिविल डिफेंस कर्मचारी हैं. अधीनस्थ अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद महिला ने सतारा सत्र अदालत में जमानत के लिए नयी अर्जी दाखिल की, जिस पर निकम को सुनवाई करनी थी. एसीबी ने आरोप लगाया कि मुंबई के किशोर संभाजी खराट और सतारा के आनंद मोहन खराट ने निकम के कहने पर महिला से उसके पक्ष में आदेश के लिए पांच लाख रुपये मांगे.  भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने दावा किया कि तीन से नौ दिसंबर 2024 के बीच की गई जांच के दौरान रिश्वत मांगे जाने की बात सत्यापित हुई, जिससे पुष्टि हुई कि निकम ने रिश्वत मांगने के लिए खराट के साथ मिलीभगत की थी.

एसीबी ने निकम, किशोर खराट, आनंद खराट और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. निकम की याचिका में कहा गया है कि उन्होंने न तो जमानत याचिका पर सुनवाई टाली और न ही शिकायतकर्ता के पक्ष में आदेश का कोई वादा किया. यह भी उल्लेख किया गया कि उक्त अवधि के दौरान ऐसा कोई जमानत आदेश पारित नहीं किया गया.

(खबर पीटीआई इनपुट से)