Advertisement

Jaipur Serial Bomb Blast Case: दोषियों को बरी करने के Rajasthan HC के फैसले को Supreme Court में चुनौती

बम ब्लास्ट की पीड़िता राजेश्वरी देवी व अन्य की ओर से अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की गई है.

Written by Nizam Kantaliya |Published : April 14, 2023 3:42 AM IST

नई दिल्ली: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बम ब्लास्ट के पीड़ितों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च को सुनाए फैसले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को बरी कर दिया था.

बम ब्लास्ट की पीड़िता राजेश्वरी देवी व अन्य की ओर से अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा, हेमंत नाहटा और आदित्य जैन के जरिए सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की गई है. अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा राजस्थान की भाजपा सरकारों के दौरान लगातार सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता रहे है.

याचिका दायर करने वालो में सीरियल बम ब्लास्ट में मृतक व्यक्ति की पत्नी राजेश्वरी देवी और एक मृतक के पुत्र अभिनव तिवारी भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले के दोषियों को बरी कर गलती की है.

Also Read

More News

याचिका में कहा गया है कि वर्तमान अपील बड़ी संख्या में निर्दोष नागरिकों और उनके परिवारों की दुर्दशा का प्रतिनिधित्व करती है जो सीरियल बम विस्फोटों के शिकार हुए थे और जो 14 साल से अधिक समय तक न्याय की प्रतीक्षा करने के बाद हाईकोर्ट के आदेश से उत्पन्न गंभीर अन्याय का सामना करने की स्थिति में रह गए हैं.

याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के कानून की गलत व्याख्या करते हुए हाईकोर्ट ने दोषी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है. याचिका में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने और ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखने का अनुरोध किया गया है.

8 ब्लास्ट में 71 की मौत

गौरतलब है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट 9 बम रखे थे, इसमें 8 ब्लास्ट हुए थे, जबकि एक बम को समय रहते डिफ्यूज कर दिया गया था.इस सीरियल ब्लास्ट में 71 लोग मारे गए थे, जबकि 185 घायल हुए थे.

राजस्थान पुलिस ने इस मामले में कुल 8 मुकदमे दर्ज किए थे. जयपुर के कोतवाली पुलिस थाने में 4 और माणकचौक थाने में 4 मामले दर्ज करते हुए कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था. लंबी कानूनी प्रक्रिया में अभियोजन की ओर से 1293 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए थे.

जयपुर की विशेष अदालत ने इस मामले में 20 मई 2019 को फैसला सुनाते हुए चारों दोषियों सैफुर्रहमान अंसारी, मो. सैफ उर्फ कैरीऑन, मो. सरवर आजमी और मो. सलमान को फांसी की सजा सुनाई थी.

हाईकोर्ट ने किया बरी

ट्रायल कोर्ट की ओर से मौत की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में भेजे गए डैथ रेफरेंस सहित दोषियों की ओर से पेश 28 अपीलों पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में 29 मार्च को अपना फैसला सुनाया था.

राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को बरी कर दिया था और दोषी सलमान का मामला किशोर बोर्ड भेजने के आदेश दिए थे.

पीठ ने फैसला सुनाते हुए का कि इस मामले के जांच अधिकारी को लीगल जानकारी नहीं है. अदातल ने राजस्थान पुलिस को फटकार लगाते हुए जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी कहा है.