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International Court Of Justice के अध्यक्ष बने नवाफ सलाम, जूलिया सेबुटिंडे बनीं वाइस प्रेसिडेंट

आईसीजे ने 6 फरवरी 2023 के दिन प्रेस रीलिज जारी कर अपने नए प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट की घोषणा की है. इनके बारे में विस्तार से जानिए

Written by My Lord Team |Published : February 7, 2024 4:44 PM IST

हेग में स्थित अंतरराष्‍ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) यूनाइटेड नेशन (UN) का प्रमुख न्यायिक अंग है और यह आज चर्चा में है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने एक प्रेस रिलीज के जरिए यह घोषित किया है कि इस अंग के नए प्रेसिडेंट (President) लेबनान मूल के जज नवाफ सलाम होंगे और यूगांडा की जूलिया सेबुटिंडे आईसीजे की नई वाइस प्रेसिडेंट (Vice President) होंगी. आईसीजे में इन दोनो का कार्यकाल तीन सालों का होगा. ये जानकारी आईसीजे (ICJ) ने बुधवार (6 फरवरी 2024) के दिन जारी किए प्रेस रिलीज में बताया.

Nawaf Salam बने ICJ के नए प्रेसिडेंट

जज नवाफ सलाम साल 2018 से आईसीजे के सदस्य है. इससे पहले साल 2007 से 2017 तक वे यूएन में एम्बेसडर और लेबनान के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर कार्य कर रहे थे. जज नवाफ सलाम अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवाधिकारों मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं.

आईसीजे की नई वाइस प्रेसिडेंट बनी Julia Sebutinde

वर्तमान वाइस प्रेसिडेंट जुलिया सेबुटिंडे साल 2012 से आईसीजे की सदस्य है. इससे पहले साल 2005 से 2011 तक वे सेरा लियोन की स्पेशल कोर्ट में जज के तौर कार्यरत थी. जुलिया सेबुटिंडे ने अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक कानून और अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक प्रक्रियाओं की विशेषज्ञ के तौर अपनी पहचान बनाई है.

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इजरायल के पक्ष में दिया फैसला

आईसीजे की वर्तमान वाईस प्रेसिडेंट सेबुटींडे इजराइल- फिलीस्तीन से जुड़े जीनोसाइड कन्वेंशन केस में अपने फैसले के कारण चर्चा में रही. इस मामले को दक्षिण अफ्रीका ने इजरायल पर जीनोसाइड कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में उठाया था. जज सेबुटिंडे ने साफ कहा कि ये मामला कानूनी नहीं है. इसलिए इसमें आईसीजे कोई फैसला नहीं दे सकती. ये इजरायल-फिलिस्तीन के बीच का राजनैतिक मामला है.

आईसीजे से जुड़ी खास बातें

आईसीजे की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई. आइसीजे में देशों के बीच कानूनी विवादों की सुनवाई होती है. आईसीजे के प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट का चुनाव हर तीन साल में होता है. यह चुनाव गुप्त मतदान से होता है. प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट पद के चुनाव में राष्ट्रीयता की कोई शर्त नहीं होती है. प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट पुन: चुने जा सकते है.