International Lawyers Conference 2023:'इंटरनेशनल लॉयर्स कॉन्फ्रेंस 2023' का उद्घाटन समारोह नई दिल्ली में आयोजित किया गया. समारोह में प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा कि हाल ही में भारत की आजादी के 75 साल पूरे हुए. आजादी की लड़ाई में कानूनी बिरादरी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई. स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिए कई वकीलों ने अपनी प्रैक्टिस छोड़ दी. दुनिया आज भारत पर विश्वास क्यों करती है, इसमें भारत की स्वतंत्र न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका है.
उन्होंने आगे कहा,
"एक महीने पहले, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया. हम 2047 तक एक विकसित (राष्ट्र) बनने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए एक निष्पक्ष, मजबूत और स्वतंत्र न्यायपालिका की आवश्यकता है. मुझे उम्मीद है कि इस सम्मेलन के माध्यम से हम सभी एक-दूसरे से सीख सकते हैं. चाहे वो कुछ भी हो साइबर आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता या इसका दुरुपयोग. हमें इनके लिए एक वैश्विक ढांचे की आवश्यकता है. इसके लिए विभिन्न देशों के कानूनी ढांचे को एक साथ जुड़ने की जरूरत है."
PM मोदी ने ये भी कहा कि ये सम्मेलन उस दौर में हो रहा है जब भारत कई ऐतिहासिक कदम उठा रहा है. हाल ही में महिला आरक्षण बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया. नारी शक्ति वंदन अधिनियम 'भारत में महिला नेतृत्व वाले विकास' को एक नई दिशा और ऊर्जा देगा.
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भारतीय वैधानिक प्रावधानों के बारे में बात की,जिससे 'Ease of Doing Business' सुनिश्चित किया जा सके.
समारोह में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) भी मौजूद थे. उन्होंने कहा, "हममें से हरेक के दृष्टिकोण अलग-अलग है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है कि हमारे पास एक-दूसरे से सीखने के लिए बहुत कुछ है. अगले दो दिनों हम दुनिया भर के जज, सुप्रीम कोर्ट और कई हाईकोर्ट्स के सहयोगियों, वैश्विक चिकित्सकों और कानूनी विद्वानों सहित कुछ बेहतरीन लोगों को देखेंगे और सुनेंगे."
सीजेआई ने आगे कहा कि एक दिन ऐसा आएगा कि हम सभी प्रॉब्लम्स का समाधान ढूंढ लेंगे. न्याय देने में आने वाली चुनौतियों का हम मुकाबला आसानी से कर सकेंगे.
अपने भाषण में फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सराहना की. पीएम मोदी ने कहा, " क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले उपलब्ध कराने को लेकर हमने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को बधाई दी थी. मैं सुप्रीम कोर्ट को बधाई देता हूं कि अब वह अपने आदेशों का क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कर रहा है. इससे आम आदमी को बहुत मदद मिलेगी. अगर डॉक्टर मरीज से अपनी भाषा में बात करते हैं तो आधी बीमारी का इलाज ऐसे ही हो जाता है."
पीएम ने आगे कहा,
"हम यह भी सोच रहे हैं कि भारतीय कानूनों को दो तरह से प्रस्तुत किया जाए - एक कानूनी तरीके से और एक आम आदमी की भाषा में जिसे एक आम आदमी भी समझ सके. हम इस पर काम करेंगे. मुझे उम्मीद है कि ये सम्मेलन लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करेगा."