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वर्ष् 2022 में संविधान पीठ ने सुनाए हैं ये चार फैसले

सर्वोच्च अदालत में वर्ष 2022 में संविधान पीठ के चार फैसले दिए गए. 2021 में यह संख्या 3 और 2020 में यह संख्या 11 थी.

Written by Nizam Kantaliya |Published : December 29, 2022 7:48 AM IST

नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत में संविधान पीठ से जुड़े 498 मामले, चुनाव से संबंधित 400 से अधिक मामले और 2800 से अधिक जनहित याचिकाए पेंडिंग है.

अगस्त 2022 के अंतिम सप्ताह में देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में एक वर्ष बाद संवैधानिक पीठ के मामलों पर फिर से सुनवाई शुरू हुई थी.

सर्वोच्च अदालत में वर्ष 2022 में संविधान पीठ के चार फैसले दिए गए. 2021 में यह संख्या 3 और 2020 में यह संख्या 11 थी.

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संविधान पीठ की शुरुआत पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली पीठ ने संविधान के 103 वें संशोधन की वैधानिकता पर सुनवाई से की थी. जस्टिस यूयू ललित 27 अगस्त को देश के 49 वे मुख्य न्यायाधीश बने थे

संविधान पीठ के चार फैसले

1- पूर्व सीजेआई यूयू ललित की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% आरक्षण को बरकरार रखते हुए सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराया.

2- दूसरा फैसला जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने सुनाया था. नीरज दत्ता बनाम एनसीटी दिल्ली सरकार के  फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत लोक सेवक को दोषी ठहराने के लिए रिश्वत की मांग का प्रत्यक्ष सबूत आवश्यक नहीं है.

3- जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अध्यक्षता में संविधान पीठ ने फैसला सुनाया था कि मेजोरिटी में जजों की संख्या के बावजूद बड़ी बेंच का फैसला मान्य होगा. जैसे कि 7-जजों की पीठ ने अगर 4:3 के बहुमत के साथ फैसला दिया है  तो भी ये फैसला सर्वसम्मति से 5-जजों की पीठ पर भी लागू होगा.

4- जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने ट्रायल के दौरान अतिरिक्त अभियुक्तों को समन करने के लिए अदालतों को CRPC की धारा 319 के तहत मिली शक्तियों से जुड़ा था. सुखपाल सिंह खैरा बनाम पंजाब राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशा निर्देश जारी किए.

4 संविधान पीठ कर रही सुनवाई

पिछले तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक पीठ की अगुवाई की सुनवाई के मामले में बहुत तेजी से आगे बढा है. हाल ही में नवंबर-दिसंबर माह में ही दो मामलों में संविधान पीठ ने फैसले सुनाए गए है वही तीन मामलों में फैसले सुरक्षित रखे है.

वर्ष 2022 में अब तक CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस केएम जोसेफ के नेतृत्व में कुल 4 संविधान पीठ अलग अलग मामलों की सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में संविधान पीठ से जुड़े 54 मुख्य मामलों सहित 488 संविधान पीठ के मामले पेंडिंग है.

नए साल में फैसलों का इंतजार

देश की सर्वोच्च अदालत में नये साल का आगाज ही संविधान पीठ के फैसले से होगा. सुप्रीम कोर्ट में शीतकालीन अवकाश के बाद पहले ही दिन 2 जनवरी को जस्टिस एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ द्वारा नोटबंदी मामले में सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाया जाएगा.

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का मामला, सांसदों की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध से जुड़ा मामला, देश में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मामला, अखिल भारतीय बार परीक्षा की वैधता, तलाक की डिक्री देने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट की शक्ति की सीमा, गिरफ्तारी के खिलाफ प्रतिरक्षा का पूर्वव्यापी आवेदन,बोहरा समुदाय के असंतुष्टों को बहिष्कृत करने के अधिकार सहित 8 से अधिक मामलों में फैसला आ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट की अलग अलग संविधान पीठ ने करीब 8 से अधिक मामलों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है या विचाराधीन रखा हैं.