नई दिल्ली: हाल ही में, मुंबई के सेशन्स कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि यदि पत्नी की कमाई उसके पति से ज्यादा है, तो तलाक के बाद उसे आर्थिक सहायता (Interim Maintenance) नहीं दी जाएगी. कोर्ट ने ऐसा आदेश किस बातों को ध्यान में रखकर जारी कहा है, विस्तार से जानते हैं.
आपको बता दें कि मामला एक तलाकशुदा कपल का है जिसमें पत्नी अपने पति से चार लाख रुपये सालाना ज्यादा कमाती हैं. नवंबर, 2022 में मैजिस्ट्रेट अदालत के ऑर्डर के बाद पति-पत्नी ने सेशन्स कोर्ट में अपील दायर की है जिसमें पत्नी ने अपने और अपने बच्चे के लिए पति से आर्थिक सहायता (Maintenance) के मांग की थी।
मुंबई के सेशन्स कोर्ट (Sessions Court, Mumbai) ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए यह कहा है कि क्योंकि पत्नी पति से ज्यादा कमाती है, इसलिए उन्हें पति से कोई पैसे नहीं मिलने चाहिए.
अडिश्नल सेशन्स जज (Additional Sessions Judge) जस्टिस सीवी पाटिल (Justice CV Patil) ने कहा कि अगर एक महिला कमा रही है, तब भी तलाक के बाद उन्हें आर्थिक सहायता मिल सकती है लेकिन बाकी परिस्थितियों का भी ध्यान रखना होगा.
इस मामले में, दोनों लोगों की इनकम को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मैजिस्ट्रेट का ऑर्डर लीगल है और सही भी है. पत्नी की इनकम पति से ज्यादा है इसलिए उन्हें कोई मेन्टेनेंस नहीं मिलेगी.
बता दें कि 2021 में एक महिला ने अपने पति और सास-ससुर के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दायर किया था और उनका यह कहना था कि उनके बच्चे के जन्म के बाद उन्हें जबरदस्ती घर से निकाल दिया गया था.
जज ने आदमी से कहा था कि वो बच्चे की देखभाल के लिए हर महीने दस हजार रुपये देंगे.
महिला ने कोर्ट को यह भी बताया था कि जब वो प्रेग्नेंट हुईं, तो वो अपने पति के साथ ही रह रही थीं और उन्हें यह बाद में पता चला कि उनके पति यौन रोग (Sexual Dysfunction) का इलाज करवा रहे थे.
महिला का यह कहना है कि जब उनके पति और परिवार को पता चला कि वो मां बनने वाली हैं तो उन लोगों ने उनके किरदार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए.