नई दिल्ली:मोदी सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को लिया गया नोटबंदी का फैसला सही था. सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्य सविधान पीठ ने इस मामले को चुनौति देने वाली सभी 58 याचिकाओं को खारिज करते हुए ये महत्वपूर्ण फैसला दिया है.
जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली 5 सदस्य पीठ ने 2016 में हुई नोटबंदी को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं पर 7 दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत के साथ सरकार के फैसले को सही ठहराया.
सुप्रीम कोर्ट में दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस एस अब्दुल नजीर करीब 6 साल के कार्यकाल के बाद 4 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
फरवरी 2017 में उन्हे हाईकोर्ट जज से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया. वे देश की सर्वोच्च अदालत में नियुक्त होने वाले तीसरे ऐसे जज है जिन्हे हाईकोर्ट से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया. जस्टिस नजीर की नियुक्ति के जरिए सुप्रीम कोर्ट में सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के उचित प्रतिनिधित्व को बनाए रखा गया.
जस्टिस नज़ीर की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में ऐसे समय में कि गयी थी जब देश की सर्वोच्च अदालत में एक भी मुस्लिम जज नही होने को लेकर आलोचना चरम पर थी.
जस्टिस नजीर आगामी 4 जनवरी को सेवानिवृत होने जा रहे है.सेवानिवृति से पूर्व नोटबंदी पर दिया गया उनका ये फैसला बेहद अहम है