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हाईकोर्ट के आदेश का पालन, विवादित पोस्ट मामले में ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने पुलिस के सामने दिया बयान

यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी ने अपनी शिकायत में कहा था कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुसलमानों को भड़काया, जिसके चलते तीन अक्टूबर 2024 की रात करीब साढ़े नौ बजे यति की हत्या के इरादे से सैकड़ों मुसलमानों ने डासना देवी मंदिर पर हमला कर दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट, अल्ट न्यूज जुबैर

Written by Satyam Kumar |Published : December 31, 2024 11:46 AM IST

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पुलिस की जांच में सहयोग कर रहे हैं. जुबैर ने यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई FIR मामले में अपना बयान दर्ज करवाया है. इस मामले में जुबैर पर यति नरसिंहानंद के बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया है. इस मामले में जुबैर ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश प्राप्त किया था, जिस पर अदालत ने उसे पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. आदेशों का पालन करते हुए जुबैर कविनगर थाने पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया और पुलिस के सवालों के जवाब भी दिए. इस बात की जानकारी पुलिस ने देते हुए कहा कि आरोपी चार घंटे तक थाने में रहा.

जुबैर ने पुलिस के सामने दर्ज करवाया बयान

PTI भाषा के अनुसार, कवि नगर के सहायक पुलिस आयुक्त (ASP) अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि त्यागी ने अपनी शिकायत में कहा था कि जुबैर ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुसलमानों को भड़काया, जिसके चलते तीन अक्टूबर 2024 की रात करीब साढ़े नौ बजे यति की हत्या के इरादे से सैकड़ों मुसलमानों ने डासना देवी मंदिर पर हमला कर दिया. त्यागी की शिकायत के आधार पर जुबैर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव बनाए रखने के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण कार्य करना), 228 (झूठे सबूत गढ़ना), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका मकसद किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना हो), 356 (3) (मानहानि) और 351 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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क्या है मामला?

अपने वायरल पोस्ट में जुबैर ने कथित तौर पर यति के 29 सितंबर के भाषण का वीडियो साझा किया था, जो उन्होंने गाजियाबाद के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया था. इस भाषण में यति ने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था. FIR पर गिरफ्तारी के खिलाफ जुबैर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रूख किया और इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्थगन आदेश प्राप्त किया था, लेकिन अदालत ने अपने आदेश में उसे गाजियाबाद पुलिस के साथ जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.