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आबकारी नीति घोटाला: Delhi HC ने सिसोदिया को घर पर बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी

सिसोदिया को घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं.

Former Deputy CM Manish Sisodia,

Written by My Lord Team |Published : June 3, 2023 11:43 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के मामले में आरोपी पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शनिवार को अपने आवास पर अपनी अस्वस्थ पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी.

समाचार एजंसी भाषा के अनुसार, न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को निर्देश दिया कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाया जाए, जहां उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति होगी.

न्यायिक हिरासत में हैं सिसोदिया

सिसोदिया को घोटाले में कथित भूमिका के लिए सबसे पहले 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और वह तब से हिरासत में हैं. उच्च न्यायालय सीबीआई वाले मामले में 30 मई को उन्हें जमानत देने से इनकार कर चुका है.

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उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) द्वारा दर्ज मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में हैं.

मीडिया से बात करने पर पाबंदी

हाई कोर्ट ने साफ किया कि सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से या मीडिया से बातचीत नहीं करेंगे और उन्हें फोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं होगी.

अदालत ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को कल सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक उनकी पत्नी से मिलवाने के लिए ले जाया जाए. ’’ हाई कोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज धन शोधन के मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत की सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था. उसने अपना आदेश सुरक्षित रख.

अंतरिम जमानत की मांग

खबरों के मुताबिक सिसोदिया ने ‘मल्टीपल स्क्लेरोसिस’ से पीड़ित अपनी पत्नी की बिगड़ती सेहत के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी है. हाई कोर्ट ने ईडी को यह निर्देश भी दिया कि सिसोदिया की पत्नी के चिकित्सा दस्तावेजों की पड़ताल की जाए. अदालत ने एजेंसी से शनिवार शाम तक रिपोर्ट दाखिल करने को भी कहा. कथित भ्रष्टाचार से जुड़े सीबीआई के मामले में उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत की अर्जी को लंबित रखा.

ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एस वी राजू ने दलील दी कि सिसोदिया ने इसी आधार पर पहले भी अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था, इसलिए एजेंसी से रिपोर्ट मांगने के लिए कोई आधार नहीं बनता.

उन्होंने कहा कि सिसोदिया की पत्नी पिछले 23 साल से इस बीमारी से जूझ रही हैं और आप नेता के पास 18 विभाग थे, इस लिहाज से वह बहुत व्यस्त मंत्री थे और उनके पास अपने घर के लिए समय नहीं था.

राजू ने कहा कि अत: उनकी देखभाल एक सहायक द्वारा की जा सकती है और अदालत सिसोदिया को एस्कॉर्ट के साथ जाने और उनकी पत्नी से मिलने की इजाजत दे सकती है. उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में सह-आरोपी तथा आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर की जमानत अर्जी पर भी दलीलें सुनीं और आदेश सुरक्षित रखा.

नायर की जमानत अर्जी का विरोध

कारोबारी विजय नायर की ओर से वकील रेबेका जॉन ने दलील दी कि ईडी ने जमानत याचिका पर चार तारीख लेकर इस सुनवाई को एक लघु मुकदमे का रूप दे दिया है.

नायर की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए राजू ने दलील दी कि आप नेता ने ‘साउथ ग्रुप’ से संपर्क किया था, पैसे की मांग की थी और 100 करोड़ रुपये की रिश्वत के लेनदेन को मूर्त रूप दिया गया.

उन्होंने कहा कि गवाहों ने यह बात अपने बयानों में कही है. जॉन ने कहा कि जब तक आप इस बात का हिसाब नहीं बताते कि 100 करोड़ रुपये कैसे हुए, तब तक यह अपराध से अर्जित धन नहीं हो जाता.