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EX-CJI जेएस खेहर और सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन, Judiciary के दो व्यक्तित्व को मिला श्रेष्ठ नागरिक सम्मान

न्यायपालिका क्षेत्र से पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर का नाम पद्म विभूषण पुरस्कार विजेताओं की सूची में, वहीं पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की श्रेणी में सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन का नाम आया है.

Written by Satyam Kumar |Updated : January 26, 2025 12:04 PM IST

हर साल राष्ट्रपति 26 जनवरी के मौके पर नागरिक पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा करती है. हर साल खेल, गायन, सार्वजनिक क्षेत्र में काम उत्कृष्ट काम करने के लिए लोगो को दी जाती है. हर साल की तरह इस साल भी अवॉर्ड विजेताओं के नाम की घोषणा की गई, जिसमें न्यायपालिका क्षेत्र से पूर्व सीजेआई जेएस खेहर और वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन का नाम भी है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर का नाम पद्म विभूषण पुरस्कार विजेताओं की सूची में, वहीं पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं की श्रेणी में सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन का नाम आया है. बता दें कि दोनों विजेताओं का नाम 'जन कल्याण' (Public Affairs) कैटेगरी में आया है.

पद्म पुरस्कार, देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक है. इसकी तीन कैटेगरी है- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री.'पद्म विभूषण' असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए, 'पद्म भूषण' उच्च श्रेणी की विशिष्ट सेवा के लिए और 'पद्म श्री' किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर की जाती है.

पद्म विभूषण से सम्मानित होंगे EX-CJI JS Khehar

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, 4 जनवरी 2017 से 27 अगस्त 2017 तक भारत के 44वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया. वहीं, 2011 से लेकर 2017 तक वे सुप्रीम कोर्ट जस्टिस के रूप में कार्यरत थे. अपनी सेवा के दौरान जस्टिस खेहर, निजता का अधिकार, ट्रिपल तलाक (विपरीत मत) जैसे महत्वपूर्ण जजमेंट देने वाली पीठ का हिस्सा रहे हैं.

सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन को पद्म श्री

सीनियर एडवोकेट सीएस वैद्यनाथन सुप्रीम कोर्ट के बेहद चर्चित वकीलों में से एक है. सीएस वैद्यनाथन ने राम जन्मभूमि मामले में राम लला ( Ram Lala) का पक्ष रखते हुए जीत भी हासिल की. धार्मिक रूप से संवेदनशील मामले में उन्होंने अपने अनुभव का बखूबी परिचय दिया. सीनियर एडवोकेट ने  सभी CBSE स्कूलों में संस्कृत को एक विषय के रूप में शामिल करने के लिए भी तर्क किया. उन्होंने कई अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों में भी भाग लिया है, जैसे कि कावेरी, रवि, ब्यास, नर्मदा, वामसाधारा और कृष्णा. यह उनकी विशेषज्ञता को दर्शाता है कि वह कैसे जटिल कानूनी मुद्दों को समझते हैं.